यूनिवर्सिटी का कहना है कि कही भी यह साफ नहीं होता है कि विद्यार्थी हिन्दी में पास है और अंग्रेजी में फेल है। दोनों विषय के संयुक्त नंबर से ही पास या फेल का फैसला होता है। मार्कशीट में भी यही स्थिति रहती है। अगर विद्यार्थी संयुक्त रूप से जरुरत वाले नंबर नहीं ला पाएंगें तो इन्हें फेल ही माना जाएगा। बताया जा रहा है कि कॉलेजों ने विद्यार्थियों को गलत जानकारी दी कि वो एक विषय में पास है और दूसरे में फेल है। इस प्रकार गफलत में इन विद्यार्थियों के सामने फेल होने का संकट आ गया है।
फाउंडेशन के अंतर्गत है दोनों पेपर
सोमवार को सुबह 8 बजे से हिन्दी और 9 बजे से अंग्रेजी का पेपर था। यह दोनों पेपर फाउंडेशन-1 के अंतर्गत आते है। उच्च शिक्षा विभाग की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत फाउंडेशन-1 के इन दोनों पेपर में संयुक्त रूप से 30 से ज्यादा नंबर आने पर पास और उससे कम नंबर लाने पर फेल माना जाता है। यह दोनों पेपर मल्टीपल च्वाइस प्रश्न वाले होकर ओएमआर शीट पर लिए जाते हैं। इसी प्रकार 19 दिसंबर को भी फाउंडेशन-2 का पेपर है, जिसमें दो पेपर इनवायर्नमेंटल स्टडीज और योगा के दो अलग-अलग पेपर है। इसमें भी मार्किंग संयुक्त रहती है और दोनों पेपर की परीक्षा देना होती है।
गफलत हुई है..
सुबह कई सेंटर पर गफलत हुई है। करीब 10 सेंटर पर 100 से ज्यादा विद्यार्थी एक विषय में ही परीक्षा देने पहुंचे जबकि इन्हें दोनों विषय की परीक्षा देना था। हमने इन्हें परीक्षा में शामिल कर लिया है, लेकिन मार्किंग नियमानुसार ही होगी।
– डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक
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