लगातार होने वाली उपेक्षा के बाद राऊ विधानसभा के कांग्रेस नेता रजनीश वर्मा ने भाजपा में जाने का फैसला कर लिया। पिछले कुछ दिनों से नगर उपाध्यक्ष बबलू शर्मा उनके संपर्क में थे। मन बनाने के बाद शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से चर्चा कर रास्ता साफ किया। वर्मा पूर्व में जिला पंचायत के सदस्य भी रहे। उन्होंने ताई और भाई के संयुक्त उम्मीदवार दिनेश मल्हार को चुनाव हराया था। उनके पिता रामचंद्र वर्मा तीन दशक पहले पांच नंबर विधानसभा से चुनाव लड़े थे।
एक समय था जब वे खाती समाज में कांग्रेस का झंडा बुलंद करने वाले नेताओं में से एक थे। इसके साथ खाती समाज में उनका परिवार खासा प्रतिष्ठित माना जाता है। हाल ही में हुए चंद्रवंशी खाती समाज के चुनाव में इंदौर और देवास में उनकी टीम ने दिग्गजों को धराशायी किया। वर्मा का भाजपा में जाना विधायक जीतू पटवारी के लिए करारा झटका है।
वे सांवेर विधानसभा में उप चुनाव के प्रभारी हैं और वहां समाज का बड़ा वोट बैंक है। वर्मा के साथ समाज के कई नेताओं ने कांग्रेस को राम-राम कर दी है। आज दोपहर में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा उन्हें सदस्यता दिलाएंगे। जिसके लिए वे सुबह भोपाल के लिए रवाना हो गए।
मेहनती कार्यकताओं की नहीं है कीमत कांग्रेस छोडऩे वाले वर्मा ने चर्चा में बताया कि कांग्रेस में अब पट्ठावाद व चापलूसी चरम पर है। मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की अब कोई कीमत नहीं है। भाजपा में कार्यकर्ता मेहनत करता है और मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री तक बन जाता है। राहुल गांधी ने किसानों के दस दिन में कर्ज माफी की घोषणा की थी। अंगुली पर दिन गिनाए थे जिसे सुनकर हमारा सीना चौड़ा हो गया था।
सरकार बनी तो सच्चाई सामने आ गई। किसान हमें कौसते थे। झूठे वादों में आकर कई किसानों ने सोसायटी में पैसे नहीं भरे और बाद में ब्याज सहित चुकाने पड़े। कमलनाथ के मंत्रियों ने तबादला उद्योग शुरू कर दिया था। एक भी मंत्री ने अपने क्षेत्र में ऐसा कोई ठोस काम नहीं किया जिस पर कार्यकर्ताओं को फक्र हो।