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गोविंद ने पूछताछ में बताई ये बात
पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने के बाद देर रात तक चली पूछताछ में मंत्री सिलावट की पत्नी के ड्राइवर गोविंद ने बताया कि, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गडरिया का ड्राइवर पुनीत अग्रवाल ही इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा था। पूछताछ में गोविंद ने ये भी बताया कि, कुछ समय पहले उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से वो बहुत डरा हुआ था। उसने पुनीत से संपर्क किया, जहां उसने इंजेक्शन के लिए जब बात की, तो पुनीत ने 7000 में इंजेक्शन मिलना बताए थे। गोविंद ने इंजेक्शन खरीद लिए और कुछ दिनों बाद जब गोविंद ने अपनी आरटी पीसीआर रिपोर्ट टेस्ट कराई, तो वो निगेटिव आई, इसपर उसने दोनों इंजेक्शन पुनीत को लौटा दिए।
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पुनीत और गोविंद की कॉल डिटेल भी निकाली गई
ब्लैक में रेमडेसिविर इंजेक्शन के आरोप के बाद जहां प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने के बाद पुलिस ने बुधवार देर रात को ही गोविंद राजपूत को हिरासत में लेकर तत्काल पूछताछ शुरु कर दी। इसके साथ ही पुनीत और गोविंद के बीच हुई फोन पर बातचीत की डिटेल भी निकाली है। एसपी आशुतोष बागरी के मुताबिक, पूछताछ के दौरान पुनीत केस को गुमराह भी कर रहा है। पूछताछ में उसने एक अन्य युवक बंटी से भी इंजेक्शन खरीदने की बात कबूली है। फिलहाल, पुलिस अब उस बंटी की भी तलाश कर रही है।
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यह है मामला
बता दें कि, इंदौर के विजय नगर थाना पुलिस ने सोमवार को आरोपी पुनीत अग्रवाल को रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते पकड़ा था। पुनीत ने दावा किया है कि जो इंजेक्शन वह बेचने के लिए लाया था, वह उसे ट्रेवल एजेंसी इम्पैक्ट के ही एक अन्य ड्राइवर गोविंद राजपूत ने 14 हजार रुपए में दिया था। हालांकि, पुलिस का कहना है कि पुनीत का दो दिन का रिमांड मिला है, लेकिन अब तक बयान की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। पुलिस पूछताछ के मुताबिक, पुनीत इम्पैक्ट ट्रेवल एजेंसी के जरिये पिछले 6 माह से जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गडरिया की गाड़ी चला रहा है। सोमवार को विजयनगर पुलिस ने उसे 15 हजार रुपए में रेमडेसिविर खरीदने के बहाने उसे बुलाकर रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। मंगलवार को कोर्ट पहुंचने से पहले पुनीत ने मीडिया से चर्चा की थी। इस दौरान उसने कहा था कि, गोविंद भी उसी एजेंसी में काम करता है। वो पहले भी कई लोगों को इंजेक्शन बेच चुका है। एजेंसी के जरिये ही गोविंद भी मंत्री सिलावट की पत्नी की गाड़ी चलाता है।
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