यह चेतावनी मेडिकल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अरङ्क्षवद घनघोरिया और सचिव डॉ. अशोक ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि दो डॉक्टर्स डीन की हठधर्मिता की वजह से नौकरी छोडऩे की स्थिति में आ चुके हैं। इन दोनों डॉक्टर्स को मूल विभाग की बजाय अन्य विभागों में काम कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नौ डॉक्टर्स पीजी कोर्स खत्म कर एमजीएम मेडिकल कॉलेज में मूल विभाग में लौटे, जिनमें से डीन ने 7 डॉक्टर्स को उनके विषय के विभाग में तुरंत पोस्ट कर दिया, लेकिन डॉॅ. दीपक गवली जिन्होंने पीजी माइक्रो बायलॉजी में किया और डॉ. पवन कुमार मौर्य, जिन्होंने पीजी फार्माकोलॉजी में किया है। दोनों ही डॉक्टर एक साल से फोरेंसिक मेडिसिन विभाग में पदस्थ हैं। इनका कहना है कि इसी वजह से पोस्ट पीजी का अनुभव प्राप्त करने का अवसर नही मिल पा रहा है। सरकार ने इन डॉक्टरों को पीजी कोर्स करवाया है, जिससे गरीब मरीजों का इलाज हो सके, लेकिन जिम्मेदारों ने सभी नियमों को ताक पर रखकर चिकित्सकीय कार्य को दरकिनार कर दिया है।
अंतिम बार होगी बात
डॉ. घनघोरिया ने कहा कि पहले भी डीन को इस पूरे मामले से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। मेडकल टीचर एसोसिएशन अंतिम बार डीन से बात करेगा। इसके लिए प्रतिनिधि मंडल जल्द ही मिलने जा रहा है। यदि बात नहीं बनी तो आंदोलन किया जाएगा और कानूनी लडाई भी लड़ी जाएगी।