इंदौर. भगवान महावीर के जन्म से पूर्व एक बार महारानी त्रिशला नगर में हो रही अद्भुत रत्नवर्षा के बारे में सोच रही थीं। यह सोचते-सोचते वे ही गहरी नींद में सो गई। उसी रात्रि को अंतिम प्रहर में महारानी ने 16 शुभ स्वप्न देखे। वह आषाढ़ शुक्ल षष्ठी का दिन था। सुबह जागने पर रानी के महाराज सिद्धार्थ से अपने स्वप्नों की चर्चा की और उसका फल जानने की इच्छा प्रकट की।
राजा सिद्धार्थ एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ ही ज्योतिष शास्त्र के भी विद्वान थे। उन्होंने रानी से कहा कि एक-एक कर अपना स्वप्न बताएं। वे उसी प्रकार उसका फल बताते चलेंगे। तब महारानी त्रिशला ने अपने सारे स्वप्न उन्हें एक-एक कर विस्तार से सुनाएं।
बुधवार को इंदौर के इतवारिया बाजार स्थित मंदिर में भगवान पाश्र्वनाथ का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया गया। इस महोत्सव में इन 16 सपनों की पूरी जानकारी दी गई। इसमें इंद्र की सभा के साथ 16 स्वप्नों का वर्णन किया गया। इस अवसर पर कलशाभिषेक के साथ अन्य अनुष्ठान हुए।
प्रवीण जैन ने बताया मुनि प्रणाम सागर महाराज के सान्निध्य में संत सदन इतवारिया बाजार पर आयोजन हुए। सौधर्म इंद्र का दरबार सजाया व पंच कल्याणक की क्रियाएं पं. मनीष जैन द्वारा करवाई। जन्म कल्याणक के पहले इंद्र दरबार में सभी इंद्रों की सभाएं हुई व माता के 16 स्वप्न का वर्णन किया गया।
सौधर्म इंद्र चिंतन बाकीवाला, कुबेर इंद्र इंद्रकुमार सेठी तथा राजकुमार पाटोदी को भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य मिला। संगीतकार पंकज जैन के संगीत पर समजाजन झूम उठे। 16 अद्भुत सपने जिन्हें देखते ही बदल जाता है जीवन
1. स्वप्न में एक अति विशाल श्वेत हाथी दिखाई दिया – ज्योतिष शास्त्र के विद्वान राजा सिद्धार्थ ने पहले स्वप्न का फल बताया कि उनके घर एक अद्भुत पुत्र-रत्न होगा। 2. श्वेत वृषभ – वह पुत्र जगत का कल्याण करने वाला होगा।
3. श्वेत वर्ण और लाल अयालों वाला सिंह – वह पुत्र सिंह के समान बलशाली होगा। 4. कमलासन लक्ष्मी का अभिषेक करते हुए दो हाथी – देवलोक से देवगण आकर उस पुत्र का अभिषेक करेंगे।
5. दो सुगंधित पुष्पमालाएं – वह धर्म तीर्थ स्थापित करेगा और जन-जन द्वारा पूजित होगा। 6. पूर्ण चंद्रमा – उसके जन्म से तीनों लोक आनंदित होंगे। 7. उदय होता सूर्य – वह पुत्र सूर्य के समान तेजयुक्त और पापी प्राणियों का उद्धार करने वाला होगा।
8. कमल पत्रों से ढंके हुए दो स्वर्ण कलश – वह पुत्र अनेक निधियों का स्वामी निधिपति होगा। 9. कमल सरोवर में क्रीड़ा करती दो मछलियां – वह पुत्र महाआनंद का दाता, दुखहर्ता होगा।
10. कमलों से भरा जलाशय – एक हजार आठ शुभ लक्षणों से युक्त पुत्र प्राप्त होगा। 11. लहरें उछालता समुद्र – भूत-भविष्य-वर्तमान का ज्ञाता केवली पुत्र। 12. हीरे-मोती और रत्नजडि़त स्वर्ण सिंहासन – आपका पुत्र राज्य का स्वामी और प्रजा का हितचिंतक रहेगा।
13. स्वर्ग का विमान – इस जन्म से पूर्व वह पुत्र स्वर्ग में देवता होगा। 14. पृथ्वी को भेद कर निकलता नागों के राजा नागेन्द्र का विमान – वह पुत्र जन्म से ही त्रिकालदर्शी होगा।
15.रत्नों का ढेर – वह पुत्र अनंत गुणों से संपन्न होगा। 16. धुआंरहित अग्नि – वह पुत्र सांसारिक कर्मों का अंत करके मोक्ष (निर्वाण) को प्राप्त होगा।
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