इंदौर

इस साल चार गुना महंगे मिलेंगे आम, जानिए क्यों

हालांकि नया फल होने से आम, आम न रहकर कीमतों के कारण खास हो गया है …

इंदौरMar 20, 2018 / 12:02 pm

अर्जुन रिछारिया

इंदौर. गर्मी के साथ ही फलों के राजा आम ने भी इंदौर में दस्तक दे दी है। रसीले स्वाद की कसक ही है कि इस बार आम गत वर्ष के मुकाबले 15 दिन पहले ही बाजार से घरों तक जा पहुंचा है। हालांकि नया फल होने से आम, आम न रहकर कीमतों के कारण खास हो गया है। मांग अधिक होने से डेढ़ से चार गुना कीमत पर आम मिल पा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार आम की बम्पर पैदावार होगी और सीजन चढऩे के साथ मौसम मेहरबान रहा तो आम के भाव भी घटेंगे।
इन दिनों गुजरात और उप्र से रोज 2 टन यानी 2000 किलो आम आ रहा है, जो 3000 से 4000 किलोग्राम की मांग के सामने बहुत कम है। खपत के मुकाबले आपूर्ति आधी होने से ही आम भाव खा रहा है। अभी सिंदूरी, बादाम और हापुस किस्में बाजार में पहुंची हैं। उधर, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और अन्य आम उत्पादक राज्यों में आम बौरा गए हैं, जिससे बम्पर पैदावार की संभावना जताई जा रही है। देसी, तोतापरी और केसर किस्म की आपूर्ति अप्रैल के दूसरे सप्ताह प्रारंभ होगी। इसके बाद मई-जून में लंगड़ा और दशहरी आम आएंगे।
10 लाख किलो आम खा जाते हैं इंदौरी
वर्तमान में शहर में सिंदूरी, बादाम और हापुस की तीन से चार टन की मांग निकल रही है। पिछले वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो इंदौरी (गर्मी सीजन) चार महीने के दौरान ही 1000 टन यानी 10 हजार क्विंटल या 10 लाख किलोग्राम आम खा जाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा डिमांड में कीमतों के चलते बादाम की रहती है। हालांकि स्वाद में तो लंगड़ा और दशहरी ही मैदान मारते हैं।
गत वर्ष के मुकाबले कीमतें ऊंची
फलों का राजा इन दिनों आम लोगों की पहुंच से दूर नजर आ रहा है। आम की कीमतें 130 से 180 रुपए के बीच चल रही हैं, जो गत वर्ष 70 से 100 रुपए थी। सीजन के हिसाब से कीमतें ज्यादा बताई जा रही हैं। जानकार बताते हैं, कम बारिश से पैदावार पर असर पड़ा है। मंडियों में ज्यादातर आम गुजरात से आ रहा है। मार्केट में बादाम 150 से 180, हापुस 450 और सिंदूरी (लालपट्टा) 120 से 130 रुपए किलो मिल रहा है। उम्मीद है कि एक हफ्ते में उत्तरप्रदेश से आम आना शुरू हो जाएगा।
उत्तरप्रदेश-महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में पेड़ों पर मंजर
उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश समेत आम उत्पादक राज्यों में किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। इस बार पेड़ों में जिस तरह से मंजर (बौर) लगे हैं, इसे देख आम के बेहतर उत्पादन की आशा दिख रही है। भिंड 7 जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर ग्राम धरई के रास्ते में खेत में लगा आम का पेड़ बौर से आच्छादित हो गया है। किसानों ने बताया कि कई सालों बाद आम के पेड़ पर इतना बौर देखा है।
मांग में इजाफा हुआ
आपूर्ति के मुकाबले खपत 25 से 30 प्रतिशत अधिक बनी हुई है। आम की कीमतों में तेजी-मंदी आगे मौसम पर निर्भर करेगी। खासकर आम के दाम मौसम के अनुसार घट-बढ़ सकते है। तेज हवा और बारिश से आम को नुकसान पहुंच सकता है।
– प्रतापसिंह भिलवारे, अध्यक्ष, इंदौर फ्रूट मर्चेंट एसोसिएशन
15 दिनों पहले आया आम
आमतौर पर नवरात्रि से आम की किस्में आना शुरू होती हैं, लेकिन इस बार बादाम और हापुस 15 दिनों पहले ही आ गया। शुरुआत में कम माल आने से कीमतें तेज है। आगे की फसल में आने में देरी है।
नरेश फुंदवानी, सचिव, इंदौर फूट मर्चेंट एसोसिएशन
महंगे हुए फलों के दाम

आम गत वर्ष वर्तमान प्रतिशत बढ़ोतरी
सिंदूरी – 100 से 110 110 से 120 10 से 20
बादाम – 120 से 130 150 से 180 50 से 60
हापुस – 400 से 425 425 से 450 6.25 से 6.35

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