हनी ट्रैप कांड से जुड़े मानव तस्करी के मामले आरोपियों के बरी होने से बवाल मचा हुआ है। अब सबकी निगाह नगर निगम के सिटी इंजीनियर द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे पर है, जिसमें कोर्ट ने 25 मई की तारीख लगा रखी है। उसमें आरोप तय होंगे कि किसने क्या-क्या अपराध किया है? उसके बाद केस चलेगा, जिसमें गवाह होंगे। बता दें कि इस बहुचर्चित कांड में कई बड़े-नेताओं के नाम शामिल थे।
5 साल पहले दर्ज किया था केस
पांच साल पहले नगर निगम के सिटी इंजीनियर हरभजनसिंह ने पलासिया थाने में हनी ट्रैप की एफआइआर दर्ज कराई थी। उसमें कहा था गया कि मोनिका यादव ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर तीन करोड़ रुपए की मांग की थी। मामले में पुलिस ने यादव के अलावा श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर और आरती दयाल के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था। उसी दौरान यादव के पिता की रिपोर्ट पर आरोपियों पर मानव तस्करी का केस दर्ज हुआ था, जिसका सोमवार को फैसला आ गया और सभी को बरी कर दिया गया।
अब सबकी निगाहें इंदौर पर
हनी ट्रैप मामले में भोपाल कोर्ट के फैसले के बाद अब सबकी निगाहें इंदौर के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप केस पर टिकी हुई है। हनी ट्रैप का मूल प्रकरण इंदौर में विशेष न्यायाधीश डीपी मिश्रा की अदालत में चल रहा है, जिसकी सुनवाई की तारीख 25 मई है। सरकार की ओर से लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने बताया, सुनवाई में सभी आरोपियों के आरोप तय होंगे कि किस-किस ने क्या-क्या अपराध किया है?
शासन के पास हैं सबूत
शासन के पास तथ्य और सबूत हैं, जिन्हें पेश किया जाएगा। कुछ तो पहले वायरल भी हो चुके हैं। प्रकरण में आरोपियों के ड्राइवर अभिषेक ठाकुर और ओम प्रकाश कोरी भी हैं, जिन्होंने आरोपियों के नकली आइडी कार्ड तैयार किए थे। उनके आधार पर आरोपी होटलों में नाम बदलकर रहती थीं।
हरभजन का आरोप, आठ माह से कर रही थी ब्लैकमेल
सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआइआर में कई खुलासे किए गए थे। उसके अनुसार, भोपाल की आरती पति पंकज दयाल ने 18 वर्षीय बीएससी छात्रा मोनिका से दोस्ती करवाई। फिर इंदौर के एक होटल में आरती ने मोबाइल से दोनों का वीडियो बनाया। उसके बाद ब्लैकमेल का खेल शुरू हुआ, जो आठ माह चला। इसमें तीन बार वे पैसे दे चुके थे, वहीं 50 लाख रुपए लेने आरती और मोनिका जब इंदौर आई तो उन्हें पकड़ लिया गया।