गौरतलब है कि मोदी की आत्मीयता का असर कुछ ही देर में सामने आ गया। सभा समाप्त होने के बाद में मंच के पीछे लोकसभा स्पीकर महाजन, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा, सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, बबलू शर्मा, कमल वर्मा और सीटू छाबड़ा सहित कई नेता बैठे थे। चर्चा के दौरान ताई ने शिवराज से कहा कि भोपाल के चुनाव हो गए हैं अब इंदौर को समय दो… ऐसे काम नहीं चलेगा। इस पर तय हुआ कि १४ मई को शिवराज इंदौर दौरे पर रहेंगे। तीन विधानसभाओं में जाएंगे, जिसका चयन चुनाव समिति को करना है।
सभा को लेकर प्रदेश भाजपा संगठन ने मंच पर लगने वाले होर्डिंग का फॉर्मेट भेज दिया था। उसके आधार पर मोदी व अमित शाह के अलावा प्रत्याशियों के फोटो दिए गए। सुबह दौरे पर पहुंचीं ताई ने नाराजगी जाहिर की। कहना था कि ताई और कैलाश विजयवर्गीय राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं, इसके फोटो देना जरूरी है। इस पर ताबड़तोड़ प्रदेश संगठन से बात की गई और नए फोटो लगाए गए।
मंच और उसके पीछे ग्रीन रूम को लेकर नगर भाजपा ने कार्यकर्ताओं की सूची दी थी। ग्रीन रूम के लिए हरिनारायण यादव, कमल वर्मा, सीटू छाबड़ा सहित दस नामों की स्वीकृति हो गई, बकायदा पास भी बन गए। आखिरी समय पर एसपीजी ने उन्हें रोक दिया। ग्रीन रूम की व्यवस्था के लिए कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने तुरत-फुरत कॉफी हाउस के दो कर्मचारियों की व्यवस्था कराई। एक पुलिस के बड़े अधिकारी को भी उन्होंने बाहर कर दिया।
मोदी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री हैं, फिर भी क्या हमारी पार्टी में मोदी को कोई डांट सकता है। उन्होंने कहा कि जो डांट सकता है तो वह ताई है। ताई इस बार इस पूरे मध्यप्रदेश को चुनाव लड़ा रही हंै। वे एक नया इतिहास बना रही हैं। इनको ध्यान रखने के लिए मैं विश्वास दिलाता हूं कि शहर के विकास में ताई की कोई भी इच्छा अधूरी नहीं रहेगी। मैं कभी कोई कमी नहीं आने दूंगा। सभा के बाद मोदी ने ताई से घर के बने भोजन की व्यवस्था करने के लिए भी कहा।
सभा के लिए मोदी एयरपोर्ट से रवाना हो गए, लेकिन रास्ते के दोनों तरफ भीड़ उनका इंतजार कर रही थी। स्थिति को देखते हुए मोदी ने कार की गति कम करने के लिए कहा। जब गति ८० से गति १० प्रति किलोमीटर की हुई तो एसपीजी के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। तब गाड़ी में सवार सुरक्षाकर्मी ने बताया कि साहब का आदेश है। इस पर थोड़ी गति बढ़ाने का कहा गया, लेकिन मोदी ने साफ इनकार कर दिया कहना था कि जनता खड़ी है उनका अभिवादन करना जरूरी है।
एक समय भाजपा की सभाओं में मंच की शान रहने वाले सत्यनारायण सत्तन लंबे अंतराल के बाद मंच पर नजर आए। मजेदार बात ये है कि सभा स्थल पर आने के लिए निकले तो समय पर थे, लेकिन मोदी के काफिले के फेर में रास्ता बंद कर दिया गया, जिसकी वजह से आने में लेट हो गए। जब वे मंच पर चढ़े तो उनकी कुर्सी आगे लगाई गई। इधर, पार्टी ने विष्णुप्रसाद शुक्ला की भी कुर्सी मंच पर लगाई थी, लेकिन वे देवास में ब्राह्मण समाज के कार्यक्रम की वजह से नहीं आ पाए।