इधर, भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद शंकर लालवानी पर फिर से भरोसा जताया तो कांग्रेस ने नया चेहरा देखते हुए अक्षय कांति बम को मैदान में उतारा है। देखा जाए दोनों ही प्रत्याशी महज चेहरा है, लेकिन वास्तविक संघर्ष तो भाजपा और कांग्रेस के बीच है। दोनों ही पार्टी किसी भी मोर्चे पर कमजोर होना नहीं चाहती है। पुरानी लगातार हार के बावजूद कांग्रेस पूरे जोश से मैदान में है तो भाजपा ने भी अपनी संगठनात्मक गतिविधियां तेज कर दी है। आठ लाख से चुनाव जीतने का दावा किया जा रहा है तो कांग्रेस का दावा है कि जनता इस बार भाजपा का किला ध्वस्त कर देगी। दोनों ही टीम दमखम से मैदान में है और हर मोर्चों पर किला लड़ाने के मूड में है।
ये है चुनावी रणनीति
भाजपा – पार्टी ने बड़ी टीम बना रखी है जिसने मैदान संभाल रखा है। योजना के हिसाब से कांग्रेस प्रत्याशी पर हमला नहीं किया जाएगा। उसको पुरी तरह से नजर अंदाज कर राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस जीतू पटवारी पर हमला बोला जाएगा। जल्द ही मोदी सरकार के लाभार्थियों से चर्चा के वीडियो जारी किए जाएंगे।
कांग्रेस – सोशल मीडिया पर कांग्रेस की गारंटी के बारे में अधिक से अधिक युवाओं को बताने का टारगेट है। कांग्रेस के वचन पत्र में युवाओं के लिए कई सौगातें है। इसको लेकर आइटी सेल, यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई की टीम लगी हुई है। सोशल मीडिया पर युवाओं को टारगेट किया जा रहा है। इसके अलावा मोदी सरकार की विफलता और कांग्रेस सरकार आने के फायदे जनता तक पहुंचाने पर जोर है।
जनसंपर्क
भाजपा – सांसद शंकर लालवानी ने शहर में वार्ड स्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन कर लिए है तो प्रत्येक विधानसभा में तीन दिन जनसंपर्क करेंगे। सभी क्षेत्र में जाने का प्रयास होगा तो प्रमुख मार्गों से निकलेंगे जहां पर स्थानीय कार्यकर्ता साथ चलेंगे।
कांग्रेस – स्थानीय स्तर पर समाजों को साधने का भी कोई मौका नहीं छोडऩा चाह रही है। समाजों के आयोजन प्राथमिकता में है। समाजों की बैठकें लेकर उन्हें अपने पक्ष में करने की मशक्कत जारी है। जनसंपर्क का जिम्मा विधानसभा और वार्ड के नेताओं के नेतृत्व में होगा। विधानसभाओं की बैठकें भी हो चुकी है। रहवासी संघों की बैठकों का दौर जारी है।
बड़े नेताओं की एंट्री
भाजपा – कार्यकर्ताओं में उत्साह के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इंदौर का दौरा कर चुके है। इंदौर कलस्टर की पांच लोकसभा सीट के प्रमुख नेताओं की बैठक थी, लेकिन लाभ इंदौर को अधिक मिला। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो व सभा की डिमांड की गई है।
कांग्रेस – शहर में कांग्रेस के बड़े नेताओं की डिमांड भी की जा रही है। राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अशोक गेहलोत, सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार, सचिन पायलट की सभा और रोड शो पर जोर है।
बूथ की रणनीति
भाजपा – सरकार की योजना का लाभ लेने वाले हितग्राहियों से संपर्क के अलावा युवा मोर्चा नव मतदाताओं से तो महिला मोर्चा मातृशक्ति से संपर्क कर रही है। चुनाव के अंतिम दिनों में बूथ के त्रिदेव व शक्ति केंद्र के पंच परमेश्वर की टीम सक्रिय होगी और घर घर संपर्क कर मोदी सरकार को वोट देने की अपील करेगी।
कांग्रेस – पार्टी ने बूथ स्तर पर पन्ना प्रभारियों के माध्यम से पहुंच रही है। मतदाता सूची के एक पेज का एक प्रभारी बनाया गया है। ये प्रभारी एक पेज पर जितने भी मतदाता है। उन तक पहुंचकर सूची का सत्यापन के साथ ही कांग्रेस की रीति नीति पहुंचाने के साथ ही कांग्रेस के पक्ष में वोट डलवाने के लिए काम कर रहे हैं।
इंदौर के नेताओं को और भी है जवाबदारी
भाजपा – भाजपा के कई नेताओं की ड्युटी बाहर की लोकसभाओं में भी लगी हुई है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय जबलपुर कलस्टर का काम देख रहे है। मंत्री तुलसीराम सिलावट इंदौर के साथ गुना आ-जा रहे है। पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के पास उज्जैन तो गोपी नेमा के पास मंदसोर की जिम्मेदारी है।
कांग्रेस – कई नेता दूसरी लोकसभा में है। ऐसे में इनको इंदौर में सामजस्य बैठाना है। छिंदवाड़ा का प्रभारी विनय बाकलीवाल को बनाया गया है। वहीं, दिग्विजय सिंह के लिए राजगढ़ और कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा भी कई नेता पहुंच रहे हैं।