scriptअब हिंदी में ‘लाइफ मैनेजमेंट’ का फंडा, IIM इंदौर के सीनियर मैनेजर बोले- वंचितों को मिलेगा इसका लाभ | Life Management Book in Hindi young writer naveen krishna ray senior manager IIM Indore Patrika Interview | Patrika News
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अब हिंदी में ‘लाइफ मैनेजमेंट’ का फंडा, IIM इंदौर के सीनियर मैनेजर बोले- वंचितों को मिलेगा इसका लाभ

Life Management Book in Hindi: IIM इंदौर के सीनियर मैनेजर और युवा लेखक नवीन कृष्ण राय हिंदी भाषा में लाइफ मैनेजमेंट किताब लिखकर चर्चा में हैं, उनकी इस किताब के लोग खूब पसंद कर रहे हैं, पत्रिका से बातचीत में नवीन कृष्ण ने बताया क्यों हिंदी में लिखी मैनेजमेंट की किताब? आप भी पढ़ें पत्रिका साक्षात्कार में लेखक से बातचीत के खास अंश…

इंदौरNov 11, 2024 / 03:39 pm

Sanjana Kumar

IIM Indore Senior Manager life management book
Life Management Book in Hindi: सफलता के लिए साहसिक फैसले और खुद को गुमराह और शोषित होने से बचाने के लिए युवा लेखक नवीन कृष्ण राय की हिंदी भाषा में लिखी किताब इन दिनों चर्चा में है। गूढ़ मैनेजमेंट विषय को छोटी-छोटी कहानियों के जरिये जीवन के हर पहलू को दर्शाकर सफलता की थ्योरी बताने वाली इस किताब को लोगों ने खूब पसंद किया। पत्रिका ने 31 वर्षीय लेखक नवीन कृष्ण राय से बात की तो कई रोचक पहलू सामने आए।

लेखक परिचय


नवीन कृष्ण राय भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम- इंदौर) में सीनियर मैनेजर (गवर्नमेंट अफेयर व बिजनेस डेवलपमेंट) के पद पर हैं। वे मूल रूप से गाजीपुर जनपद के ग्राम वीरपुर (यूपी) के निवासी हैं।
प्रारंभिक शिक्षा नवोदय विद्यालय, प्रयागराज से की। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद वर्ष 2019 में आइआइएम से जुड़े।

मैनेजमेंट अथवा साइकोलॉजी की डिग्री नहीं है, लेकिन आइआइएम के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय व अलग-अलग विषय के प्रोफेसरों से अपने कार्य के अनुभव साझा करने से जो फंडे क्लियर हुए, उसे किताब के जरिये लोगों तक पहुंचा रहे हैं। प्रो. हिमांशु राय ही नवीन कृष्ण राय के गुरु हैं।

यहां पढ़ें पत्रिका के साथ नवीन कृष्ण राय की खास बातचीत के अंश

पत्रिका-आपने लाइफ मैनेजमेंट पर ही किताब लिखने का फैसला क्यों किया?

लेखक- काम के दौरान अलग-अलग वर्ग के लोगों से मिले अनुभव ने किताब लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। मैं छोटे से गांव से निकलकर आइआइएम पहुंचा तो लगा कि यहां पहुंचना आसान नहीं है। यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश आदि प्रदेशों के दूरस्थ गांवों में बसे युवाओं के पास प्रतिभा बहुत है, लेकिन संसाधन-सुविधा नहीं होने से वे पीछे रह जाते हैं। ऐसे में तय किया कि लाइफ मैनेजमेंट का फंडा किताब से इन दूरस्थ स्थानों के युवाओं तक पहुंचाना है, ताकि जीवन यापन और सफलता हासिल करने के निर्णय लेने में उन्हें मदद मिल सके।
पत्रिका- मैनेजमेंट बड़ा विषय है। आपने हिंदी में लिखने का फैसला क्यों लिया?

लेखक- हिंदी हमारे देश में आम लोगों की भाषा है। ग्रामीण युवा अंग्रेजी में ज्यादा सहज नहीं रहते हैं। विशेषज्ञों ने अंग्रेजी में किताबें लिखी हैं, उनका हिंदी में अनुवाद भी होता है, लेकिन अनुवाद मूल भावना व्यक्त नहीं कर पाता है। लोगों को जीवन की सफलता के सूत्र अपनी भाषा में मिले, इसलिए मैंने हिंदी में किताब लिखी।
पत्रिका- आपकी किताब किस वर्ग को ज्यादा प्रभावित करती है?

लेखक- मेरी किताब लाइफ मैनेजमेंट हर वर्ग और आयु के लोगों के लिए है। हालांकि युवाओं पर ज्यादा फोकस है, ताकि वे खुद को गुमराह व शोषित होने से बचाएं और जीवन में सफलता हासिल करने के प्रयास करते रहें।
पत्रिका- आपकी किताब क्या संदेश देती है?

लेखक- किताब लिखने का उद्देश्य मैनेजमेंट विषय के ज्ञान को लोकतांत्रिक करना था। इसे उन लोगों तक पहुंचाना था, जो अवसर के अभाव में लक्ष्य पाने से वंचित रह गए हैं। किताब संदेश देती है कि लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि फैसले साहस पर आधारित हों, भय पर नहीं। हमेशा उपयोगिता साबित करनी होगी, असुरक्षा त्याग कर बढ़ने के अवसर तलाशने होंगे।

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