शरीर को ताकत से भर देता है ये रसीला फल, चेहरे पर भी लाएगा निखार
इंदौर. मौसम के मुताबिक आने वाले फलों में हमारे लिए कई फायदे छिपे होते हैं। गर्मी में आने वाले फलों को ही लीजिए। गर्मी के फल जहां हमारे शरीर में पानी की आपूर्ति करते हैं, वहीं हमें ठंडक भी देते हैं। इनमें कई ऐसे फल हैं जो आम लोगों के बीच में अधिक प्रचलित नहीं है। लीची भी एक ऐसा ही फल है जो अन्य फलों की तुलना में कम लोकप्रिय है, जबकि यह हमारे लिए काफी फायदेमंद है। यह रसीला फल हमें गर्मी सेे ही राहत नहीं देता बल्कि शरीर की कमजोरी को दूर कर ताकत भर देता है। जानते हैं लीची के फायदों के बारे में।
गर्मी में ठंडक : लीची में पानी की मात्रा भी काफी होती है। इसमें विटामिन सी, पोटेशियम और नैसर्गिक शक्कर भी खूब होती है। यह गर्मी में शरीर में पानी के अनुपात को संतुलित रखकर हमें ठंडक पहुंचाती है।
इम्यूनिटी होती है मजबूत : लीची हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है। रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया में मददगार लीची में बीटा कैरोटीन, नियासिन और फोलेट जैसे विटामिन बी पाया जाता है।
चेहरे पर निखार : लीची से झुर्रियां मिटती हैं और चेहरा निखरता है। लीची में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, विटामिन ए और बी कॉम्प्लेक्स, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि पाए जाते हैं। बच्चों का विकास : लीची में कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम होता है जो बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये मिनरल्स ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करते हैं।
मिलती है ऊर्जा : थकान और कमजोरी महसूस करने वालों को लीची फायदा पहुंचाती है। इसमें मौजूद नियासिन हमारे शरीर में ऊर्जा के लिए आवश्यक स्टेरॉयड हार्मोन और हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है। घुलनशील फाइबर : लीची में घुलनशील फाइबर खूब होता है। फाइबर हमारे भोजन को पचाने में सहायक होता है। यह फाइबर कमजोर और बुजुर्गों को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार होता है।
पेट के लिए लाभदायक : गैस, हल्के दस्त, उल्टी, पेट की खराबी, पेट के अल्सर और आंतरिक सूजन में लीची खाना अच्छा रहता है। लीची पेट में हानिकारक टॉक्सिन के प्रभाव को कम करती है।
स्वस्थ दिल : लीची दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है। लीची में अच्छी मात्रा में बीटा कैरोटीन और ओलीगोनोल होता है जो दिल को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण होता है।
सूजन में राहत : लीची तंत्रिका तंत्र की नसों और जननांगों की सूजन में फायदा पहुंचाती है। किसी भी अंग में सूजन कम करने के लिए लीची के बीज के पाउडर का लेप लगाने से राहत मिलती है।
संक्रमण से बचाव : लीची खांसी-जुकाम, बुखार और गले के संक्रमण को फैलने से रोकती है। यह संक्रामक एजेंटों के खिलाफ प्रतिरोधक के रूप में काम करती है। गंभीर सूखी खांसी के लिए तो लीची प्रभावी है।
दवा में उपयोगी : लीची के पल्प और छिलके में मौजूद फिनॉलिक कम्पाउंड से वजन कम करने, ब्लड प्रेशर निययंण और हृदय रोगों की सप्लिमेंट्री दवाइयों का निर्माण किया है। लीची से स्किन क्रीम भी बनाई गई है।
एहतियात जरूरी है : लीची कम ही खाएं। 10-11 से ज्यादा लीची न खाएं। ज्यादा लीची से नकसीर और सिर दर्द, शरीर में खुजली, जीभ तथा होंठों में सूजन और सांस लेने में कठिनाई भी पैदा हो सकती है।
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