इंदौर. एक्सीडेंट जोन बन चुके लवकुश चौराहे के सुधार के लिए पांच महीने पहले प्रस्ताव बना था। सडक़ सुरक्षा समिति ने आइडीए को इसे बनाने को कहा। प्रशासनीक स्वीकृतिद तो मिल गई, लेकिन बोर्ड में प्रस्ताव अटक गया। अब इंतजार है कि बोर्ड बैठक हो तो इसके लिए अनुमति मिले। बाणगंगा में लवकुश चौराहे पर लगातार एक्सीडेंट की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब तक कई लोग यहां हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। 28 मई को फार्मा कंपनी कर्मचारी कीर्ति शर्मा ने सडक़ हादसे में अपना पैर गंवा दिया। इसके बाद फिर ये मांग उठी कि आखिर कब इस चौराहे की तरफ जिम्मेदार ध्यान देंगे। जबकि, ट्रैफिक पुलिस इसे ब्लैक स्पॉट घोषित कर चुकी थी। जब जिमेदार विभागों से जानकारी जुटाई तो पता चला कि चौराहे पर सुधार का प्रस्ताव पांच महीने पहले ही पारित हो चुका है। फिलहाल वह फाइल की शक्ल में धूल खा रहा है। जानकारों के मुताबिक ट्रैफिक इंजीनियरिंग के हिसाब से चौराहे में कई खामियां हैं। इसके अलावा चारों तरफ से भारी वाहनों का लगातार आना-जाना लगा रहता है। यही कारण है कि कई हादसे यहां हो चुके हैं। जल्दी निकलने की हड़बड़ी में भी वाहन आए दिन पलट जाते हैं। दो करोड़ रुपए की लागत से होगा चौराहे का कायाकल्प जनवरी में सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में लवकुश चौराहे का मामला उठा, तब समिति ने तय किया कि आइडीए व एमपीआरडीसी विभाग इसे दुरुस्त करेगा। एमपीआरडीसी विभाग ने चौराहे का प्लान बनाकर आइडीए को तीन महीने पहले सौंप भी दिया। इसमें सर्विस रोड को ठीक करते हुए चैनल बनाना शामिल है, ताकि रॉंग साइड में आने वाली गाडिय़ों को रोका जा सके। ऑटोमैटिक ट्रैफिक सिग्रल लगाना। इसमें संकेतक बोर्ड, रबल स्ट्रीट या स्पीड ब्रेकर बनाने के साथ आधुनिक लाइटें भी लगाई जाना हैं। करीब दो करोड़ की लागत से चौराहे का कायाकल्प होना है। इन सुधारों की जरूरत सुपर कॉरिडोर व एमआर- 10 पर रबल स्ट्रीट लगाना, ताकि तेज रतार वाहनों की गति को कम किया जाए। उज्जैन रोड पर सर्विस रोड पर रमब स्ट्रीट लगा दिए, लेकिन यहां मेन लाइन की गाडिय़ां आ जाती हैं। सर्विस रोड से रॉंग साइड में आने वाला ट्रैफिक रोकना, इसके लिए लेट टर्न पर चैनल बनाना। ये कहना है जिम्मेदारों का लवकुश चौराहे का प्रस्ताव मिला है। इसकी कलेक्टर से प्रशासनीक स्वीकृति भी मिल चुकी है। सिर्फ बोर्ड में स्वीकृति लेना है। कोरोना के चलते बोर्ड की बैठक नहीं हो पाई। आगामी बैठक में स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। – विवेक श्रोत्रिय, आइडीए सीईओ सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में चौराहे का प्रस्ताव आया था। इसकी जिम्मेदारी आइडीए व एमपीआरडीसी को दी गई थी। – देवेंद्र सिंह, अपर आयुक्त, नगर निगम