सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर रहवासियों ने शिकायती आवेदन सौंपा। जिसमें कॉलोनाइजर पर 10 साल बाद भी प्लॉट आवंटन नहीं करने और न ही कॉलोनी विकसित करने के गंभीर आरोप लगाए। रहवासियों ने कलेक्टर से कॉलोनाइजरों की नामजद शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। जितेंद्र गुप्ता, राजापाल मंडलोई, सालगराम चौहान, महेंद्र वर्मा, जगदीश आरसे, शांतिलाल रावत सहित 33 लोगों ने शिकायत करते हुए बताया कि वर्ष 2011-12 में राज कॉलोनाइजर के नाम से तीन लोगों ने मिलकर उषा नगर कॉलोनी काटी। उस दौरान कागजों पर पूर्ण विकसित कॉलोनी बताकर एक लाख रुपए डाउन पेमेंट जमा कर 40 माह की किस्तों में प्लॉट बेचे। हमने भी सर्वसुविधायुक्त कॉलोनी मिलने की आस में प्लॉट खरीद लिए। कई लोगों ने रजिस्ट्री भी करा ली। अब करीब 10 साल बीत जाने के बाद भी न तो प्लॉट पर कब्जा दिया जा रहा है और न ही कौन सा प्लॉट किसका है यह बताया जा रहा है। हम अपना प्लॉट तलाश रहे हैं। न ही बिजली, पानी, सडक़ जैसी सुविधाएं कॉलोनी में दिखाई दे रही हैं। कॉलोनी अपूर्ण है। बार-बार मांग करने पर अब कॉलोनाइजर अपनी जिम्मेदार से पल्ला झाड़ रहा है। रहवासियों ने आरोप लगाया कि 29 मई को जब कॉलोनाइजर से मिले तो उसने दो टूक कह दिया कि जहां शिकायत करना है करो। इसके बाद यदि प्रशासनिक कार्रवाई होती है तो इसके जिम्मेदार आप सब होंगे। रहवासियों ने कलेक्टर से कॉलोनाइजरों की नामजद शिकायत कर कार्रवाई की मांग की।