18 मार्च को शिवपुरी में रहने वाले निजी स्कूल संचालक के फोन पर कुछ फोटोज अंजान नंबर से भेजे गए थे। इन फोटोज में उनकी बेटी जो कि राजस्थान के कोटा में NEET की तैयारी कर रही थी वो हाथ पैर बंधे हुए दिख रही थी । इतना ही नहीं फोटो भेजने वाले ने बेटी के बदले 30 लाख रूपए की फिरौती मांगी थी। इस मामले से सनसनी फैल गई थी। पिता ने शिवपुरी पुलिस के साथ ही राजस्थान के कोटा पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद से पुलिस लगातार मामले की जांच में जुटी हुई थी।
छात्रा की किडनैपिंग का मामला सामने आते ही केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस पर संज्ञान लिया था। तब सिंधिया ने खुद फोन कर राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा से बात कर छात्रा को सुरक्षित घऱ वापस लाने की बात कही थी। इतना ही नहीं सिंधिया ने छात्रा के पिता से भी फोन पर बात कर उन्हें भरोसा दिलाया था। इसके बाद राजस्थान पुलिस ने ईनाम भी घोषित किया था।
राजस्थान की कोटा पुलिस ने 20 मार्च को छात्रा की किडनैपिंग की मामले में खुलासा करते हुए सभी को चौंका दिया था। पुलिस ने खुलासा किया था कि किडनैपिंग की कहानी झूठी है और छात्रा ने खुद ही अपने दोस्त के साथ मिलकर इसे रचा है। कोटा पुलिस ने बताया था कि छात्रा के अपहरण का जो वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, वे भी उसके दोस्त के इंदौर स्थित घर के हैं। छात्रा कोटा में किसी भी कोचिंग में अध्ययनरत नहीं थी। कोटा बल्कि कोटा में NEET की तैयारी करने का कहकर माता-पिता की आंखों में धूल झोंक रही थी। अपहरण की झूठी साजिश रचने के पीछे की वजह विदेश में पढ़ाई करने के लिए पैसों की जरूरत सामने आया था।
20 मार्च को मामले का खुलासा करने के बाद से ही मध्यप्रदेश व राजस्थान पुलिस छात्रा की तलाश में जुटी हुई थी। उसकी झूठी कहानी का पर्दाफाश हो चुका था लेकिन छात्रा व उसका दोस्त पुलिस के हाथ नहीं आ रहे थे। इंदौर में दोस्त के साथ छात्रा के होने का इनपुट मिलने के बाद से इंदौर में लगातार उनकी तलाश की जा रही थी जो अब जाकर खत्म हुई है और इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने छात्रा को पकड़ा है। छात्रा के साथ उसका दोस्त भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है।