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जानिए क्या है डिजिटल अरेस्ट ?
मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में इस समय साइबर क्राइम एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। आए दिन शातिर ठग आम लोगों से लेकर हाई प्रोफाइल लोगों तक को अपना शिकार बना रहे है। इस दौरान डिजिटल अरेस्ट(what is digital arrest)की खूब चर्चा हो रही है। बता दें कि डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन ठगी का एक नया तरीका है। इसके जरिए इंदौर के कई बड़े लोगों को लाखों-करोड़ों रुपए का चूना लग चूका है। ये भी पढें – Mohan Bhagwat : दीपावली के दिन शुरु होगी RSS प्रचारकों की बैठक, 554 प्रचारक होंगे शामिल
डर पैदा करके ठगी
बता दें कि डिजिटल अरेस्ट(Digital Arrest) के दौरान ठग अपने शिकार के मन में डर पैदा कर देते है और उन्हें यकीन दिला देते है कि, जो भी उन्हें बताया जा रहा है वही सच है। उनके या उनके किसी परिजन के साथ बुरा हो चूका है या होने वाला है या वह पुलिस, सीबीआई या ईडी की जांच के घेरे में फंस चुके है। इसके बाद ठगों का शिकार डरकर मान लेता है कि अगर कॉलर का कहना नहीं माना तो वह गिरफ्तार हो जाएगा या फिर उसके साथ बहुत कुछ बुरा होगा।ऐसे करें डिजिटल अरेस्ट की पहचान
– डिजिटल अरेस्ट(what is digital arrest) के मामले में शिकार के पास फोन कॉल आता है, जिसमे उनके या फिर उनके किसी परिजन का अवैधानिक कामों( ड्रग, मनी लॉन्ड्रिंग, महिला उत्पीड़न, सेक्स रैकेट, आतंकवादी गतिविधियां आदि) में फंसे होने की बात कहकर गिरफ्तार करने की धमकी दी जाती है।– डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए लोगों को नकली ऑफिसर आईडी, पुलिस स्टेशन या फिर सीबीआई ऑफिस का माहौल दिखाकर यकीन दिला दिया जाता है कि ये पूरी कार्रवाई असली है।
– ठग डिजिटल अरेस्ट के दौरान अपने शिकार को पूरे समय उनका फोन कैमरा और माइक्रोफोन चालू रखने के लिए कहा जाता है ताकि वह उन्हें गिरफ़्तारी की धमकी दे देकर उनके मन में डर पैदा करते रहे।
– झूठी जांच के दौरान शिकार से पैसे लूटे जाते हैं।