कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘श्री विभूषित पूज्य महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज आश्रम में कांच के शोकेस में रहते हैं। उनका स्वास्थ्य देखकर मुझे ऐसा लगा कि मैंने अपराध कर दिया।’ उन्होंने आगे कहा- ‘महंत जी के आशीर्वाद से “घर-घर राम, घर-घर रामायण” का देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का संकल्प है। जब उन्होंने महाराज जी से इंदौर आने का निवेदन किया तो महाराज जी ने कहा- ‘कैलाश की नगरी में मुझे आना ही पड़ेगा।’ इस भावुक उद्बोधन ने विजयवर्गीय की श्री नृत्य गोपाल दास जी महाराज के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान को दर्शाया है। इंदौर में उनके इस बयान ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में खास चर्चा छेड़ दी है।
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