इंदौर. पत्रकार पूजा तिवारी की फरीदाबाद में हुई संदिग्ध मौत के मामले में जांच टीमों को इंदौर के आरटीआई कार्यकर्ता ने कॉल रिकॉर्डिंग और दस्तावेज सौंपे हैं। कॉल रिकार्डिंग और दस्तावेजों में फरीदाबाद में लिंग परीक्षण कर गर्भपात करवाने वाले डॉक्टर्स का खुलासा करने की चर्चा है। फिलहाल जांच टीम इन दस्तावेजों को लेकर गई हैं, जिनका परीक्षण कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। कॉल रिकार्डिंग में यह सामने आया है कि यहां के डॉक्टर्स 2 लाख रुपए में अवैध रूप से गर्भपात करवा रहे थे। हरियाणा पुलिस टीम को आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्रसिंह यादव ने बातचीत का जो विवरण सौंपा, उससे कई गठजोड़ सामने आ रहे हैं। पूजा ने फरीदाबाद में डॉ. गोयल दंपती का स्टिंग किया था, जिसमें अवैध गर्भपात का खुलासा किया था। इस स्टिंग के बाद पूजा के खिलाफ ब्लैकमेल करने का केस दर्ज हुआ था। पूजा और जितेंद्र के बीच हुई बातचीत : पूजा: अभी पूरे देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बातें चल रही हैं। कार्यकर्ता: हां पूजा: आप सिंपल सी बात करिये ना, एमटीपी कौन कराता है? वही करवाता है, जिसको बेटी होने वाली होती है। कार्यकर्ता: सही बात है। पूजा: यहां तो अलग प्रॉब्लम होती है कि हमारे चार बच्चे हैं और एमटीपी कराना है। कार्यकर्ता: हम्म पूजा: लेकिन एमटीपी कराने के लिए लीगल प्रोसेस फॉलो करना होती है, एमटीपी एक्ट के तहत। कार्यकर्ता: सही बात है। पूजा: चाहे प्राइवेट डॉक्टर करना चाहे या सरकारी, कोई एमटीपी एक्ट का वायलेशन नहीं कर सकता है। यहां तक हर कोई वॉयलेशन कर रहा है। कार्यकर्ता: हम्म पूजा: और हो सकता है कि वहां बोल दिया कि महिला डॉक्टर के पास चले जाओ, एमटीपी कर देगी। ये लो जी 2 लाख, एमटीपी कर दो। कार्यकर्ता: सही बात है। पूजा: बहुत तरीके हैं, अगर मैं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करूं तो मान लीजिए कि मैंने एक फीमेल एमटीपी जैसा मामला उठा दिया तो क्या आप जर्नलिस्ट के खिलाफ एफआईआर करवा दोगे? कहां गए आपके वो जिम्मेदार लोग। उन लोगों को तो एप्रिशिएट करते हैं ना जो बेटी बचाते हैं, बेटी पढ़ाते हैं। ये तो मैंने ऐसा मुद्दा उठाया था अबॉर्शन का। जांच पर विश्वास नहीं पूजा के पिता रवि तिवारी का मानना है कि पुलिस अपने अफसर को बचा सकती है। मामले में शिकायत करने वाले जितेंद्रसिंह यादव भी हरियाणा डीजीपी व सुप्रीम कोर्ट को सवाल उठाते हुए शिकायती पत्र भेज रहे हैं। उनका कहना है कि बयान लेने आई टीम ने उनके लिखित बयान नहीं लिए। साथ ही वह अफसर जांच में शामिल है, जिसके इलाके का मामला है। उन्होंने जांच पर विश्वास नहीं होने की बात कहते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।