आदिवासी छात्राओं से अश्लीलता करने वाले झाबुआ डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार झा लंबे समय तक इंदौर में पदस्थ रहे। वे 2010 में एसएलआर रहे और बाद में डिप्टी कलेक्टर बनकर 2020 में इंदौर पदस्थ हुए। इस दौरान झा की हरकतों की महिला कर्मचारियों ने तत्कालीन कलेक्टर से शिकायत की थी।
उन्हें चार नंबर विधानसभा का रिटर्निंग अधिकारी बनाया गया था। उस दौरान झा ने एक महिला बीएलओ के साथ छेड़छाड़ की। महिला ने तत्कालीन कलेक्टर को लिखित शिकायत की। जैसे-तैसे ये मामला ठंडा पड़ा कि झा ने फिर एक महिला कर्मचारी के साथ हरकत की। इस कर्मचारी ने भी कलेक्टर से शिकायत की।
इसके बाद झा को लूपलाइन में डालते हुए जाति प्रमाण पत्र बनाने का काम सौंप दिया गया पर यहां भी झा नहीं सुधरे। उन्होंने एक युवती का हाथ पकड़ने के साथ अश्लील बातें कीं। युवती ने जमकर हंगामा मचाया था। इस पर आला अधिकारी ने झा को जमकर फटकार लगाते हुए जेल भेजने तक की चेतावनी दी थी। उसके कुछ दिनों बाद झा का तबादला हो गया।
बेटे पर भी एक युवती ने छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया
डिप्टी कलेक्टर झा का इंदौर से तबादला होने के बाद कनाड़िया थाने में उनके बेटे दीपक झा के खिलाफ एक युवती ने छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था। युवती दीपक के साथ काम करती थी। घटना के बाद झा ने दबाव बनाकर बेटे को बचाने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
डिप्टी कलेक्टर झा का इंदौर से तबादला होने के बाद कनाड़िया थाने में उनके बेटे दीपक झा के खिलाफ एक युवती ने छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था। युवती दीपक के साथ काम करती थी। घटना के बाद झा ने दबाव बनाकर बेटे को बचाने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।