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इंदौर

21 साल की उम्र में घर-बार छोड़कर बन गई साध्वी, एक बार आवाज सुनने के लिए उमड़ती है लाखों की भीड़

21 साल की उम्र में घर-बार छोड़कर बन गई साध्वी, एक बार आवाज सुनने के लिए उमड़ती है लाखों की भीड़

इंदौरMay 04, 2018 / 11:54 am

अर्जुन रिछारिया

jaya kishori exclusive interview
इंदौर. 21 वर्ष की उम्र, मासूम चेहरा और प्रशंसक लाखों में। सोम्य, संस्कार वान और सजह कथा वाचक जया किशोरी की इंदौर में हुई भागवत कथा के दौरान लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ी। हालत यह थी कि पांडाल में बैठने तक की जगह नहीं मिली।
जया किशोरी वैसे तो राजस्थान की हैं लेकिन अब वे देशभर में भागवत कथा करती हैं। इंदौर में उनकी कथा के दौरान लोगों का क्रेज देखते ही बनता था। कथा के दौरान जया किशोरी ने कई विषयों पर बात की और इस दौरान यह भी बताया कि सोशल मीडिया पर उनके नाम का भारी दुरुपयोग हो रहा है।
फेसबुक पर जया किशोरी की 60 ये ज्यादा फेसबुक आईडी और पेज बनाए गए हैं, जिनपर 14 लाख से अधिक लोग उनसे जुड़े हैं। यू ट्युब पर उनके भजन अपलोड होते ही देखने वालों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है। ले
किन जया किशोरी ने कल बातचीत के दौरान बताया की मैं तो 6 साल की हूं जबसे प्रभु भक्ति में लीन हूं। ग्रेजुएशन तक की शिक्षा जरूर मैंने ली है। लेकिन यह सोशल मीडिया पर जितनी भी आईडी मेरे नाम से बनाई गई है या चल रही है सभी फेक हैं। मैं कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तमाल नहीं करती।
एक ही भजन 40 लाख ने देखा
जया किशोरी का पिछले दिनों यू ट्युब पर एक भजन आया था, गाड़ी में बैठा ले बाबा जिसे 40 लाख से अधिक लोगों ने देखा। अब भी हर दिन हजारों लोग इसे देख रहे हैं। इसके साथ ही फेसबुक पर भी जो आईडी बनी है वह नियमित संचालित हो रही है।
सभी तीज, त्यौहार की शुभकामनाएं जया किशोरी के नाम से यहां से दी जाती है। हाल ही में इंदौर में चल रहे कार्यक्रम की जानकारी भी इसी आईडी से दी जा रही है। जिस पर 9 लाख 19 हजार लोग जुड़े हुए हैं। जया किशोरी ने कल चर्चा के दौरान लगातार बढ़ रहे आत्महत्याओं के मामले में कहा की परिवार को युवाओं का सहयोग करना हेागा।
कभी भी बच्चों के ऊपर अंको का प्रेशर नहीं डालना चाहिए। मैने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की कभी परिजनों ने नहीं कहा इतने अंक लाओ, न ही मैंने कभी इस पर जोर दिया। इसके साथ ही अगर बच्चे कुछ करना चाहते हैं तो परिजन को सहयोग करना चाहिए उनकी बात समझना चाहिए।
6 वर्ष की आयु से कृष्णभक्ति
जया किशोरी का जन्म राजस्थान की मरुधर पावन भूमि के सुजानगढ़ नामक गॉव में गौड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ। दादाजी एवं दादीजी के सानिध्य में रहने और घर में भक्ति का माहौल रहने के कारण बचपन में ही मात्र 6 वर्ष की अल्पआयु में हृदय में भगवान श्री कृष्ण के प्रति प्रेमभाव जागृत हो गया।
वे कहती हैं श्रीमद् भागवत का श्रवण करना सौभाग्य की बात है। इसका चिंतन व मनन करने से सब कष्ट व समस्याओं का निदान हो जाता है। कथा में आए तो इसके गूण रहस्यों को अपने साथ ले जाकर देखें। आज परिवार में प्रेम की कमी होती जा रही है। छोटे परिवार में समस्याएं ज्यादा हो रही हैं।
समस्याओं से निदान के लिए संबंधों को प्रेम की डोर से बांधना होगा। प्रेम अनमोल धन है, इसे सहेजना होगा। यह आज के दौर में दुर्लभ होता जा रहा है। पति-पत्नी में नोंकझोक होती रहती है। इसे सहजता से लें और परिवार को सहेजें। भगवान शंकर व पार्वती के रिश्ते में अटूट प्रेम का उदाहरण मिलता है।

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