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इंदौर

परिवार में एक-दूजे के लिए सहयोग, सम्मान और संस्कृति के साथ भी रखें एकता का भाव

जहां प्यार होता है, वहां गलतियों पर ध्यान नहीं जाता। लेकिन जिनके प्रति प्यार नहीं होता, वहां एक-दूसरे की गलतियों और शिकायतों का सिलसिला कभी खत्म नहीं होता।
 

इंदौरMay 29, 2019 / 09:30 pm

सुधीर पंडित

 love and family news

Jainacharya Ratna Sundar ji maharaj


परिवार में एक-दूजे के लिए सहयोग, सम्मान और संस्कृति के साथ भी रखें एकता का भाव

– दशहरा मैदान पर चल रही प्रवचनमाला में जैनाचार्य रत्न सुंदर का आह्वान
– नव निर्वाचित सांसद शंकर लालवानी भी पहुंचे आशीर्वाद लेने

इंदौर. जहां प्यार होता है, वहां गलतियों पर ध्यान नहीं जाता। लेकिन जिनके प्रति प्यार नहीं होता, वहां एक-दूसरे की गलतियों और शिकायतों का सिलसिला कभी खत्म नहीं होता। पहले परिवार बड़े होते थे और सब एक साथ संयुक्त परिवार के रूप में आनंद से रहते थे, लेकिन अब एकांकी परिवारों का प्रचलन बढ़ रहा है। पहले चाल सिस्टम में रहने का आनंद कुछ और ही था। वहां असुविधा तो थी, लेकिन सुरक्षा भी थी। वर्तमान में व्यक्ति अकेले रहता है, जहां सुविधाएं तो बहुत हैं, मगर सुरक्षा नहीं है। जन्म के समय जो माता-पिता हमारे पास मौजूद थे, क्या उनके अंतिम समय में हम उनके पास रहेंगे, इसकी कोई गारंटी है।
पद्मभूषण जैनाचार्य रत्न सुंदर सूरीश्वर ने बुधवार को दशहरा मैदान पर चल रही परिवर्तन प्रवचनमाला में ‘प्यार ही है परिवार का आधार’ विषय पर उक्त विचार रखें। उन्होंने कहा, माता-पिता की सेवा और देखभाल परमात्मा के भी पहले की जाना चाहिए। समाज में कितने बेटे ऐसे हैं, जो अपने से भी श्रेष्ठ और बढिय़ा कपड़े, भोजन आदि अपने माता-पिता को उपलब्ध कराते हैं। आजकल एकल परिवारों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन संयुक्त परिवार का आनंद सबसे अनुपम होता है। सबसे बड़ी बात है कि संयुक्त परिवार अपने सभी सदस्यों के लिए सुरक्षा कवच का काम करते हैं।
नव निर्वाचित सांसद शंकर लालवानी ने भी आचार्यश्री से भेंटकर उनका आशीर्वाद लिया और समाजसेवी दिलसुखराज कटारिया, किशोर गोयल, वीणा शर्मा, हितेश काला के साथ दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आयोजन समिति की ओर से प्रेमचंद कटारिया, यश चोपड़ा, सिद्धार्थ ढंढा, दिनेश डोसी, सुजान चोपड़ा आदि ने सभी संतों एवं अतिथियों की अगवानी की। प्रवचनों के दौरान जब आचार्यश्री ने पिता-पुत्र और मां-बेटी तथा अन्य आत्मीय रिश्तों पर आधारित कुछ प्रसंग सुनाए तो श्रोताओं की आंखों से आंसू बह निकले। प्रवचनमाला में गुरुवार सुबह 8.45 से 10.15 बजे तक संस्कार संवारें जिंदगी विषय पर प्रवचन होंगे।

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