इस सेंटर में हर महीने नए-नए आइडिया के साथ स्टार्टअप लेकर आ रहे हैं। इनमें से जो भी पैरों पर खड़ा होता है, यानी बिजनेस जमा लेता है, वह सेंटर से बाहर हो जाता है, फिर इसकी जगह कोई नई कंपनी आ जाती है। सृजन से अब तक सात ऐसी कंपनियां बिजनेस जमाकर निकल चुकी हैं। 10 वर्तमान में काम कर रही हैं।
क्रिस्टल आईटी पार्क का सेंटर तो एकेवीएन खुद चला रहा है, लेकिन नया सेंटर पीपीपी मोड पर लाने की योजना है। यह सेंटर किसी भी फर्म को संचालन के लिए दिया जाएगा। एकेवीएन उससे एकमुश्त पैसा लेगा। इसके बाद उक्त फर्म ही सेंटर के रेट तय करेगी और वहां आने वाली स्टार्टअप कंपनियों को चुनेगी। एकेवीएन के मेंटर का मार्गदर्शन और निगरानी जरूर रहेगी।
कुमार पुरुषोत्तम, एमडी एकेवीएन
क्रिस्टल आईटी पार्क में दो साल पहले इन्क्यूबेशन सेंटर उन छोटी आईटी कंपनियों और प्रोफेशनल के लिए शुरू किया गया था, जो स्टार्टअप तो लाना चाहते थे, लेकिन संसाधन नहीं जुटा पा रहे थे। इन कंपनियों को बहुत कम रेट पर प्लग एंड प्ले की सुविधा दी गई। दो साल में 17 कंपनियों की सक्सेस स्टोरी एकेवीएन के पास है, जिनमें से कई कंपनियों ने आज ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बना ली है।