दरअसल, पिछले दिनों एक युवक ने इंदौर पुलिस से ये आशंका जताई थी कि उसके कॉल कोई और भी सुन रहा है। साइबर विशेषज्ञों ने बताया, ब्लूटूथ की पेरिंग के बाद मालवेयर ऐप अपलोड करने से ऐसा संभव है। एक स्थान पर सैकड़ों ब्लूटूथ ऑन रहते हैं और बदमाश अपने ब्लू टूथ से किसी के मोबाइल से पेरिंग कर लेते हैं। इससे पूरा डाटा दूसरे के पास जा सकता है। विशेषज्ञ मोबाइल फारमेट कर देते हैं, जिससे पेरिंग खत्म हो जाती है।
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मालवेयर, स्पा एप से कुच भी संभव
साइबर क्राइम विशेषज्ञ गौरव रावल के मुताबिक, आमतौर पर बैंक की जानकारी मोबाइल में होती है, जिसे ब्लू टूथ पेरिंग से ठग हासिल कर खाता खाली कर सकता है। कई मालवेयर सॉफ्टवेयर ब्लू टूथ पेरिंग के जरिए मोबाइल में भेजे जा सकते हैं और उनका पता भी नहीं चलेगा। मालवेयर, स्पा ऐप किसी के मोबाइल में भेजकर उसकी बातें सुनी जा सकती हैं। मोबाइल के कैमरे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। कई लोग पुलिस से शिकायत करते हैं कि शक है कि कोई बात सुन रहा है। विशेषज्ञ की मानें तो इस समस्या से बचने के लिए मोबाइल यूजर को एंटी वायरस का इस्तेमाल करना चाहिए।
इस दिन अधिक सक्रिय
रावल का कहना है कि साइबर ठगी होने पर शुरुआती 72 घंटे महत्वपूर्ण होते हैं, जिसमें जांच एजेंसी राशि फ्रिज कराकर वापस कराती है। बदमाश शुक्रवार रात से शनिवार को ज्यादा सक्रिय रहते हैं। शनिवार को बैंक बंद रहते हैं, जांच एजेंसियां भी शनिवार-रविवार को काम बंद रखती हैं। इसलिए पीड़ित को तुरंत सहायता मिलने में देरी होती है। 60 प्रतिशत केस वीकेंड पर ही किये जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बचाव के लिए ब्लू टूथ ऑन न रखें। अनजान मोबाइल से पेरिंग न करें। मोबाइल फोन के लिए एंटी वायरस का इस्तेमाल करें। अगर मोबाइल चोरी होता है तो जो व्यक्ति उसे खोलेगा, उसका फोटो एंटी वायरस आपके ई-मेल पर भेज देता है।
अनजान पेरिंग न होने दें
क्राइम ब्रांच डीसीपी का कहना है कि ठगी करने वाले अपराधी हर रोज ठगी के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ब्लू टूथ ऑन है तो उससे भी मोबाइल की जानकारी ली जा सकती है, इसलिए अनजान पेरिंग न होने दें।
यहां करें शिकायत
साइबर फ्रॉड हो तो नेशनल हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें। बैक अधिकारियों को तुरंत जानकारी देकर ठगी की राशि रूकवाई जा सकती है।