मामून कभी किसी एजेंट से रूबरू नहीं मिला। एजेंट उसे विजय नाम से जानते थे। वह पकड़े जाने के डर से हर तीसरे दिन मोबाइल तोड़ देता था। उसकी पत्नी जोसना खातून बांग्लादेश में लड़कियों के कल्याण से जुड़ा एनजीओ चलाती है। वहीं युवतियों को काम के बहाने भारत भेजती थी। यहां पति लड़कियों को देशभर में संचालित देह व्यापार के दलदल में धकेल देता था। मामून मुंबई, सूरत, अहमदाबाद के दूसरी और हवाला कारोबारियों के संपर्क में था उनके जरिए वह बांग्लादेश में रुपए भेजता था।
देशभर में हजारों लड़की कर चुका सप्लाई
10 साल में मुख्य आरोपी मामून ने इंदौर, भोपाल, जबलपुर, खंडवा, राजगढ़, पीथमपुर के साथ मुंबई पुणे, पालघर, सूरत, अहमदाबाद, चैन्नई, बेंगलूरु, हैदराबाद, जयपुर, उदयपुर सहित अन्य शहरों में लड़कियां सप्लाई की हैं। मध्यप्रदेश में उसके मुख्य एजेंट सहजल, उज्ज्वल, प्रमोद, सप्तार, दिलीप, ज्योति, पलक सक्रिय थे।
पहले हो चुकी गिरफ्तारी
एसपी पूर्व आशुतोष बागरी ने बताया, साल 2020 से अब तक पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर कई बांग्लादेशी लड़कियों को मुक्त करवा चुकी है। पुलिस इससे पहले भी 33 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
लड़कियों को देते थे एमडी ड्रग
मामून सैकड़ों विदेशी लड़कियों को भारत में अवैध रूप से. दाखिल करा चुका है। आरोपी लड़कियों को एमडी ड्रग सहित कई तरह की नशीली दवाएं देते थे। उन्हें प्रताड़ित करने के साथ यातनाएं भी दी जाती।
जांच में जुटी एजेंसियां
मामून की पत्नी जोसना भी बांग्लादेशी पासपोर्ट से भारत आती जाती रही है। इस मामले में भारतीय सेना, एनआइए सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं।
ये नौ आरोपी पकड़ाए
– सरगना मामून (25) पिता तफ्फजुल हुसैन उर्फ विजय पिता विमल दत्य निवासी पाबना बांग्लादेश
-प्रमोद (52) पिता शिवराम पाटीदार | निवासी विद्यानगर खरगोन
– उज्जवल पिता अवधेश प्रसाद निवासी कालिंदी गोल्ड इंदौर
-एजेंट बबलू उर्फ पलाश (35) पिता संजीव सरकार निवासी नालासुपारा मुंबई
-दिलीप बाबा पिता द्वारकादास सावलानी निवासी स्कीम 78
– नेहा, आकिजा, दीपा और रजनी