किसान के बेटों का कमाल
4 स्टूडेंट्स की टीम में शामिल ऋषभ सिंह और श्याम शर्मा ने बताया कि हम चारों में से तीन के पिता किसान हैं। जब हम घर पर पिता व अन्य लोगों को स्प्रेयर करने वाली मशीनें इस्तेमाल करते वक्त देखते थे तो हमने महसूस किया कि इनको इस्तेमाल करने में बेहद मेहनत लगती है और बदन दर्द होता था। इसलिए हमने एक ऐसी सोलर स्प्रेयर मशीन बनाने के बारे में सोचा जिसका इस्तेमाल करना आसान हो और बदन दर्द भी न हो। इसके बाद हमने बाजार में मिलने वाले करीब 100 से ज्यादा प्रकार की स्प्रेयर मशीन को ऑब्जर्व किया और फिर इस मशीन को तैयार किया है ।
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मशीन की खास बात
स्प्रेयर मशीन को तैयार करने वाली स्टूडेंट्स की टीम ने बताया है कि मशीन की खास बात यह है कि इसमें लगी बैटरी सोलर सिस्टम से ही चार्ज भी हो जाती हैं। इस मशीन से किसान अपनी फसलों पर आसानी से स्प्रे कर सकेंगे। इतना ही नहीं इसकी कीमत बाजार में उपलब्ध इलेक्ट्रिक और पेट्रोल से चलने स्प्रे करने वाली मशीनों की तुलना में आधी है। मशीन सिस्टम के जरिए सोलर एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में कन्वर्ट करके मोटर में सप्लाई की जाती हैं। मोटर में सप्लाई होने के बाद स्प्रेयर मशीन का नोजल वर्क करता है। मशीन में 18 लीटर का टैंक है और इसे बनाने में 4.5 हजार रुपए का खर्च आया है।