मंडी से लगभग 15 से 20 टन सब्जियों का कचरा प्रतिदिन निकलता है। निगम कचरे का निपटान करने के लिए यहां 20 टन क्षमता का बायोमेथिनेशन प्लांट लगाने जा रहा है। यहां 20 टन सब्जियों के कचरे के निपटारे से रोज 600 किलो बायो सीएनजी निकलेगी। एआईसीटीएसएल की 30 सीएनजी बसों को इसकी सप्लाय की जाएगी। सब्जियों के कचरे से निकलने वाली कॉर्बन डाय ऑक्साइड गैस को भी यहां व्यावसायिक उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। अग्निशमन यंत्रों में इस गैस का बड़ी मात्रा में उपयोग किया जाता है। बॉयो सीएनजी बनने से एआईसीटीएसएल को रोज 31 हजार रुपए का फायदा होगा।
सबसे बड़ा संयंत्र
बायोमेथिनेशन का इतनी क्षमता का कोई प्लांट पूरे देश में नहीं है। इंदौर पहला शहर होगा, जहां इतना बड़ा प्लांट लगाया जाएगा। पीपीपी मॉडल पर ये प्लांट देश की बड़ी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा द्वारा लगाया जाएगा।
बायोमेथिनेशन का इतनी क्षमता का कोई प्लांट पूरे देश में नहीं है। इंदौर पहला शहर होगा, जहां इतना बड़ा प्लांट लगाया जाएगा। पीपीपी मॉडल पर ये प्लांट देश की बड़ी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा द्वारा लगाया जाएगा।
ऐसे काम करेगा संयंत्र
संयंत्र में रोज सब्जियों का कचरा डाला जाएगा। इसे नष्ट करने पर मूलत: तीन प्रमुख गैसें कॉर्बन डाय आक्साइड, सल्फर डाय ऑक्साइड और मिथेन निकलती हैं। यहां तीन तरह से प्लांट लगेंगे, जिसमें गैसों में से पहले सल्फर को डिसल्फर प्रोसेस से अलग किया जाएगा। हाइड्रोजन को अलग कर लिया जाएगा। इसके बाद बची हुई गैस में से मिथेन और कॉर्बन डाय ऑक्साइड को अलग करेंगे। दोनों गैसों के अलग होने पर मिथेन की ज्वलन क्षमता बढ़ जाएगी, जो उच्च दर्जे की सीएनजी में तब्दील हो जाएगी। इसे बॉटल में भरकर बसों में भरने के लिए पहुंचाएगा।
संयंत्र में रोज सब्जियों का कचरा डाला जाएगा। इसे नष्ट करने पर मूलत: तीन प्रमुख गैसें कॉर्बन डाय आक्साइड, सल्फर डाय ऑक्साइड और मिथेन निकलती हैं। यहां तीन तरह से प्लांट लगेंगे, जिसमें गैसों में से पहले सल्फर को डिसल्फर प्रोसेस से अलग किया जाएगा। हाइड्रोजन को अलग कर लिया जाएगा। इसके बाद बची हुई गैस में से मिथेन और कॉर्बन डाय ऑक्साइड को अलग करेंगे। दोनों गैसों के अलग होने पर मिथेन की ज्वलन क्षमता बढ़ जाएगी, जो उच्च दर्जे की सीएनजी में तब्दील हो जाएगी। इसे बॉटल में भरकर बसों में भरने के लिए पहुंचाएगा।
हम सभी तरह के कचरे का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने पर ध्यान दे रहे हैं। इसीक्रम में ये प्लांट लगा रहे हैं।
-मालिनी गौड़, महापौर
-मालिनी गौड़, महापौर