इंदौर । अंतरराष्ट्रीय आईटी कंपनी टीसीएस और इंफोसिस के इंदौर में सुपर कॉरिडोर पर बन रहे नए कैम्पस अपने तय समय से करीब एक साल और प्रदेश सरकार के साथ किए गए एमओयू के आधार पर दो साल पिछड़ गए हैं। 2012 की ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में एमओयू करते समय कंपनी ने 2016 में नए कैम्पस से आईटी उत्पादन शुरू करने का वादा किया था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे जनवरी 2017 तक बढ़ा दिया था। हाल में दोनों कंपनियों ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) को दी जानकारी के मुताबिक अब जनवरी 2018 से इनमें उत्पादन शुरू हो सकेगा। दोनों ही कंपनियों के नए भवनों का निर्माण कार्य तो शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक सिर्फ बाउंड्री वॉल और कुछ आधारभूत जरूरतें ही तैयार हुई हैं।
एक को 100 एकड़ तो दूसरी के पास 30 एकड़ जमीन
राज्य सरकार के साथ हुए एमओयू के अनुसार इंफोसिस को सुपर कॉरिडोर पर 130 एकड़ जमीन आवंटित की गई है, वहीं टीएसएस को 100 एकड़ जमीन दी गई। 2012 में एमओयू होने के बाद मार्च 2013 में दोनों कंपनियों को दी गई जमीन का नोटिफिकेशन हुआ। तीन साल बीतने के बाद भी कंपनियां अभी तक अपने भवन तैयार नहीं कर सकीं है।
23 हजार लोगों को रोजगार का वादा
दोनों कंपयिनों ने 23 हजार लोगों को जनवरी 2016 में रोजगार देने का वादा किया था। मार्च 2013 को इंफोसिस और जुलाई 2013 को टीसीएस का प्रोजेक्ट सेज में नोटिफाइड हुआ था। टीसीएस ने अपने प्रोजेक्ट पर 500 करोड़ रुपए के निवेश से 10 हजार लोगों को रोजगार देने की बात कही है। इसके कैम्पस में 11 बिल्डिंगों का निर्माण होना है। टीसीएस का दावा है कि काम शुरू होने के बाद पहले साल उनका टर्नओवर 200 करोड़ रुपए होगा, जो पांच साल में 2000 करोड़ रुपए पहुंच जाएगा। इंफोसिस ने प्रोजेक्ट में 800 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 13 हजार लोगों को रोजगार देने की बात कही थी।
जानकारी दी है
टीसीएस व इंफोसिस ने जनवरी 2018 से अपने प्रोजेक्ट से प्रोडक्शन शुरू करने की जानकारी हमें दी है। – ईश्वर सिंह, सेज विकास आयुक्त
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