आपको बतादें कि इंदौर शहर खाने पीने के शौकीनों के लिए जाना जाता है, यहां एक से बढ़कर एक लजीज व्यंजन मिलते हैं, चूकि अभी तक इन्हें परोसने के लिए प्लास्टिक और डिस्पोजल का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब आदेशानुसार प्लास्टिक की चम्मच से लेकर दोनें, गिलास, प्लेट सभी बदल जाने से खाने पीने की वस्तुओं को परोसने का तरीका भी बदल जाएगा।
एक जुलाई से शहर में इयर बट, प्लास्टिक स्ट्रे व शादी-ब्याह में सिंगल यूज प्लास्टिक से निर्मित डिस्पोजेबल सामग्री नजर नहीं आएगी। सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाते हुए निर्माण करने वाली फैक्ट्रियां सील कर दी हैं। प्रतिबंध का पालन करवाने का जिम्मा स्थानीय निकाय व प्रदूषण विभाग पर रहेगा।
सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 में बदलाव किया है। अब प्लास्टिक एवं थर्माकोल से निर्मित सिंगल यूज प्लास्टिक की चिन्हित वस्तुओं का उपयोग व निर्माण प्रतिबंधित रहेगा। इनका उत्पादन, भंडारण, परिवहन, क्रय-विक्रय नहीं हो सकेगा। प्रदूषण विभाग ने इनका निर्माण कर रही 11 फैक्ट्रियों को सील कर दिया है। ये निर्माता उपलब्ध रॉ मटेरियल की खपत कर माल बना सकेंगे, इसके बाद इन्हें निर्माण की अनुमति नहीं होगी। क्षेत्रीय अधिकारी एसएन द्विवेदी ने बताया कि औचक निरीक्षण के लिए दल गठित किए हैं। वैज्ञानिक सुनील व्यास ने बताया कि शुक्रवार को पाटनीपुरा, रानीपुरा, सियागंज, शॉपिंग मॉल आदि जगह दुकानदारों को प्रतिबंध की जानकारी दी। इस दौरान अजय मिश्रा, संजय जैन व रामसंतोष शुक्ला भी मौजूद रहे।
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ये सामग्री प्रतिबंधित
प्लास्टिक स्टिक, इयर बड, बैलून में उपयोग होने वाली प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक झंडे, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टिक, सजावट में उपयोग होने वाले थर्माकोल, प्लास्टिक/थर्माकोल प्लेट्स, कप, गिलास, फोर्क, चम्मच, चाकू स्ट्रा, ट्रे, स्वीट बॉक्स/निमंत्रण पत्र/सिगरेट पैकेट को कवर करने वाली पैकिंग फिल्म, प्लास्टिक स्टीकर्स तथा 100 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक व पीवीसी के बैनर।