डीएमआरसी द्वारा तय रूट में मेट्रो उज्जैन में हरिफाटक से महाकाल मंदिर तक अंडर ग्रांउड रहेगी। इसके बाद एलिवेटेड होकर उज्जैन रोड पकड़ेगी। पहला स्टेशन निनोरा होगा। इसके बाद सांवेर, धरमपुरी होते हुए इंदौर के लवकुश चौराहा पहुंचेगी। यहां से विजय नगर होते हुए बीआरटीएस पर प्रस्तावित थ्री लेयर ब्रिज से राजीव गांधी चौराहा, राजेंद्र नगर, राऊ होते हुए महू और वहां से पीथमपुर की ओर जाएगी।
इस रूट पर स्टेशन कम होंगे, इसलिए तेज गति लोक परिवहन आरआरटीएस भी इस पर चलाया जा सकता है। इससे इंदौर और उज्जैन के बीच की दूरी 55 से 60 मिनट में पूरी हो सकेगी। इंदौर-महू-पीथमपुर भी 40 से 45 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। वर्तमान में इंदौर से दोनों ओर पहुंचने में क्रमश: 2 व डेढ़ घंटा लगता है।
सिंहस्थ से पहले उज्जैन-इंदौर को मेट्रो प्रोजेक्ट से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है। मेट्रो ट्रेन के लिए डीएमआरसी की टीम ने फिजिबिलिटी सर्वे शुरू कर दिया है। इसमें उज्जैन-इंदौर के बीच रेलवे ट्रैफिक, आरआरटीएस में ट्रैफिक डायवर्शन, कहां और कितने स्टेशन, कनेक्टिविटी जैसे मामलों का सर्वे किया जा रहा है। प्रारंभिक सर्वे में मेट्रो ट्रेन के डिपो के लिए शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के पास खाली सरकारी जमीन को बेहतर बताया है। हालांकि सर्वे पूर्ण होने के उपरांत ही मेट्रो ट्रेन की लागत और रूट का निर्धारण होगा। एमपी मेट्रो के एडिशनल डायरेक्टर शोभित टंडन के अनुसार, फिजिबलिटी सर्वे चल रहा है। डीएमआरसी की सर्वे रिपोर्ट के बाद ही बाकी मुद्दे स्पष्ट होंगे।