हाल ही में बेंगलूरु में एयरो इंडिया-2023 का आयोजन हुआ है। इसमें मेक इन इंडिया व आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए भारतीय एमएसएमई के डिफेंस इनोवेशन पेश किया है। कंपनी ने डिफेंस की स्कीम इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सलेंस (आइडेक्स) में हिस्सा लिया।
कंपनी के सिद्धार्थ धावले और गौरव बंसल ने बताया, आर्मी डिजाइन ब्यूरो नए उत्पादों की जरूरत बताकर प्रतियोगिता आयोजित करता है। इसमें भविष्य में सेना के लिए आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए उपकरण और टेक्नोलॉजी के चैलेंजेस दिए जाते हैं। बंसल के अनुसार, हमने दो चैलेंजेस में सफलता हासितल की है। पहला चैलेंज आर्मी के लिए दुर्गम क्षेत्रों में विशेष बंकर बनाने का था। इसमें आर्मी ने भविष्य की टेक्नोलॉजी और बदलावों को देखते हुए सुरक्षित बंकर की डिजाइन मांगी थी। हमने विशेष बंकर तैयार किया है, जो कठिन परिस्थितियों में भी हमारे सैनिकों को वार फ्रंट पर सुरक्षित रखेगा। सेना के सहयोग से दोनों का निर्माण किया जाएगा। प्रोटोटाइप बनने के बाद इसे जरूरत के अनुसार बनाएंगे।
आयोजन में पहली बार आर्मी ने डिफेंस स्पेस चैलेंज भी रखा। अब स्पेस में भी काम करने की जरूरत है। सरकार इसमें संभावनाएं तलाश रही है। इसके लिए सेटेलाइट इनोवेशन पर हमारे तकनीकी नवाचार को पहला पुरस्कार मिला है। हमने सैटेलाइट में लगने वाले पार्ट थ्रस्टर का इनोवेटिव डिजाइन प्रस्तुत किया था। यह उपकरण सैटेलाइट पोजिशनिंग के काम आता है।
डिफेंस एक्सपोर्ट में अच्छी संभावना
बंसल ने बताया, आयोजन में कई देशों के आर्मी प्रमुख आए थे। उन्होंने सभी कंपनियों के उत्पाद देखे। कुछ पर एक्सपोर्ट की संभावना भी जताई। भारत की कंपनियां अपनी आर्मी को तो सप्लाई कर रही हैं। आने वाले दिनों में एक्सपोर्ट के भी अच्छे अवसर मिल सकते हैं। बता दें, इंदौर में 10 से ज्यादा एमएसएमई डिफेंस प्रोडक्ट पर काम हो रहा है। मप्र में इंजीनियरिंग प्रोडक्ट के क्षेत्र में निर्यात की अच्छी संभावना है।