विजय नगर सहित शहर के पूर्वी क्षेत्र को एयरपोर्ट और उज्जैन रोड से जोड़ने में एमआर-10 सड़क अहम है। यहां दो लाख से अधिक वाहनों की नियमित आवाजाही है। दो दशक पहले आइडीए ने ओवर ब्रिज का निर्माण कराया था, जिस पर वाहन चालकों को 17 साल तक टोल चुकाना पड़ा। आइडीए ने तीन माह पहले टोल बंद कर दिया और अब रेलवे ओवर ब्रिज को 8 लेन बनाने जा रहा है।
सिंहस्थ 2028 में होगा वाहनों का भारी लोड
दरअसल, पूरी सड़क 8 लेन है, लेकिन ओवर ब्रिज के यहां बॉटलनेक की स्थिति बन जाती है। वाहन अधिक होने से कई बार लंबी कतार लग जाती है। आइडीए सीईओ रामप्रसाद अहिरवार ने बताया कि सिंहस्थ 2028 में वाहनों का भारी लोड रहेगा। इसे देखते हुए आइडीए ने इसे 8 लेन करने का फैसला किया है। रेलवे ओवर ब्रिज होने से योजना जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग रेलवे से एप्रूव होगी। इसका प्रस्ताव रेलवे को भेजकर 27 लाख रुपए प्रोसेसिंग फीस जमा कर दी है। रेलवे की क्यूरी भी पूरी कर दी है। ये भी पढ़ें: लाड़ली बहना योजना की राशि 5 हजार तक बढ़ेगी , CM ने कर दिया ऐलान उत्तरी हिस्से में बनेगा ब्रिज
ओवर ब्रिज की लागत 75 से 80 करोड़ रुपए आएगी। पूर्व में बने ओवर ब्रिज का काम पार्थ कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था, जिसने शर्त के अनुसार वर्षों तक टोल वसूला। संभावना है कि इस बार आइडीए बनाएगा। आइडीए आमतौर पर ओवर ब्रिज पूरा करने के लिए 18 माह समय दे रहा है, लेकिन रेलवे ओवर ब्रिज होने से 24 माह का समय दिया जाएगा। 6 माह का अतिरिक्त समय इसलिए भी होगा, क्योंकि पटरी के ऊपरी हिस्से का निर्माण रेलवे की निगरानी में होता है, जिससे काम की गति धीमी होती है और ट्रेनों की आवाजाही का भी ध्यान रखा जाता है।
एमआर-10 के दक्षिणी हिस्से में मेट्रो ट्रेन का ट्रैक व स्टेशन बन गए हैं इसलिए रेलवे ओवर ब्रिज उत्तरी हिस्से में बनेगा यानी लवकुश चौराहे से विजय नगर आने वाले रास्ते के बाईं तरफ होगा। इसके बनने के बाद मौजूदा मार्ग लवकुश चौराहे की ओर जाने वाला हो जाएगा।
इसलिए भी जरूरी
सुपर कॉरिडोर और उज्जैन रोड पर तेजी से नई टाउनशिप बस रही हैं और भविष्य में अहिल्या पथ भी आकार लेगा। शहर के पूर्वी क्षेत्र व देवास की ओर से आकर विजय नगर, चंद्रगुप्त चौराहा से सुपर कॉरिडोर होकर एयरपोर्ट जाने वाले यात्री एमआर-10 का ही इस्तेमाल करते हैं। इसके चलते यह मार्ग अति महत्वपूर्ण हो गया है।