पूछ-परख में महत्व
इस समय सांवेर रोड, धार रोड, खंडवा रोड, बायपास, एनएच 47 में कॉलोनियों की बाढ़ आ गई है, लेकिन मेट्रो ट्रैक से जुड़ी कॉलोनियों की ज्यादा पूछपरख हो रही है। दो साल गाइड लाइन नहीं बढ़ी, मेट्रो ट्रैक के आधार पर शासन ने पिछली बार 10 प्रतिशत गाइड लाइन बढ़ाई, जिसका फायदा कॉलोनाइजरों ने लिया। दो साल पहले जहां प्लॉट के रेट औसतन एक हजार, डेढ़ हजार थे, वह बढक़र 3 से 4 हजार स्क्वेयर फीट हो गए हैं।
गांधीनगर से लवकुश चौराहे तक 100 कॉलोनी, फायदे की होड़: गांंधीनगर से लवकुश चौराहे के बीच अभी बसाहट कम है। यहां करीब 100 कॉलोनियां हैं, कुछ के प्लॉट बिक गए हैं और अन्य बेचने के प्रयास में हैं। पूरे सुपर कॉरिडोर पर कॉलोनी के प्रतिनिधि केनोपी लगाकर बैठे रहते हैं और प्लॉट बेचने की कोशिश करते हैं। गांधीनगर से धार रोड की ओर नए सुपर कॉरिडोर पर हाल में कई कॉलोनियां लांच हुई हैं।
इस समय सांवेर रोड, धार रोड, खंडवा रोड, बायपास, एनएच 47 में कॉलोनियों की बाढ़ आ गई है, लेकिन मेट्रो ट्रैक से जुड़ी कॉलोनियों की ज्यादा पूछपरख हो रही है। दो साल गाइड लाइन नहीं बढ़ी, मेट्रो ट्रैक के आधार पर शासन ने पिछली बार 10 प्रतिशत गाइड लाइन बढ़ाई, जिसका फायदा कॉलोनाइजरों ने लिया। दो साल पहले जहां प्लॉट के रेट औसतन एक हजार, डेढ़ हजार थे, वह बढक़र 3 से 4 हजार स्क्वेयर फीट हो गए हैं।
गांधीनगर से लवकुश चौराहे तक 100 कॉलोनी, फायदे की होड़: गांंधीनगर से लवकुश चौराहे के बीच अभी बसाहट कम है। यहां करीब 100 कॉलोनियां हैं, कुछ के प्लॉट बिक गए हैं और अन्य बेचने के प्रयास में हैं। पूरे सुपर कॉरिडोर पर कॉलोनी के प्रतिनिधि केनोपी लगाकर बैठे रहते हैं और प्लॉट बेचने की कोशिश करते हैं। गांधीनगर से धार रोड की ओर नए सुपर कॉरिडोर पर हाल में कई कॉलोनियां लांच हुई हैं।
इस तरह की है ब्रोशर्स में लाइनें
तैयार हो चुके मेट्रो स्टेशन से 5 मिनट की दूरी।
ट्रैक से वॉकिंग डिस्टेंस, घर से दिखेगी मेट्रो।
मेट्रो स्टेशन से सबसे नजदीक कॉलोनी, प्लॉट की कीमत भी कम। शहर में आवाजाही के लिए मेट्रो की उपलब्धता।
कोई ट्रैक से दूरी बता रहा तो कोई स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के करीब 11 किमी के हिस्से में नई कॉलोनियांं हैं। पत्रिका ने कॉलोनियों के ब्रोशर हासिल किए, अधिकांश ने अपने प्रमोशन में मेट्रो का उल्लेख किया है। पहले एयरपोर्ट, बस स्टैंड से दूरी दर्शाई जाती थी, लेकिन अब मेट्रो का उल्लेख ज्यादा हो रहा है।
तैयार हो चुके मेट्रो स्टेशन से 5 मिनट की दूरी।
ट्रैक से वॉकिंग डिस्टेंस, घर से दिखेगी मेट्रो।
मेट्रो स्टेशन से सबसे नजदीक कॉलोनी, प्लॉट की कीमत भी कम। शहर में आवाजाही के लिए मेट्रो की उपलब्धता।
कोई ट्रैक से दूरी बता रहा तो कोई स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के करीब 11 किमी के हिस्से में नई कॉलोनियांं हैं। पत्रिका ने कॉलोनियों के ब्रोशर हासिल किए, अधिकांश ने अपने प्रमोशन में मेट्रो का उल्लेख किया है। पहले एयरपोर्ट, बस स्टैंड से दूरी दर्शाई जाती थी, लेकिन अब मेट्रो का उल्लेख ज्यादा हो रहा है।
कॉलोनाइजर ले रहे मेट्रो का फायदा
पंजीयन कार्यालय अभिभाषक व्यवस्थापक समिति के अध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी के मुताबिक, कॉलोनाइजर प्लॉट बेचने में मेट्रो का फायदा ले रहे हैं। गाइड लाइन बढ़ाई जिसके कारण निवेश बढ़े और ट्रैक की उपलिब्ध भुनाने कॉलोनाइजर भी निवेश के लिए आकर्षित कर रहे हैं।
पंजीयन कार्यालय अभिभाषक व्यवस्थापक समिति के अध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी के मुताबिक, कॉलोनाइजर प्लॉट बेचने में मेट्रो का फायदा ले रहे हैं। गाइड लाइन बढ़ाई जिसके कारण निवेश बढ़े और ट्रैक की उपलिब्ध भुनाने कॉलोनाइजर भी निवेश के लिए आकर्षित कर रहे हैं।