शासन की ओर से अभिभाषक ममता शांडिल्य ने तर्क रखते हुए बताया, आंटी बेटे के साथ मिलकर काफी समय से ड्रग रैकेट चला रही है। शहर के पब, होटल, बार व कॉलेज में युवाओं को ड्रग सप्लाय कर रही है। 50 ग्राम एमडी ड्रग नाइजीनियन से खरीदना कबूल किया जिसे अन्य आरोपियों को बेचा और इस आधार पर पुलिस ने सभी को पकड़ा। हालांकि बेटा यश अभी तक फरार है। हाईकोर्ट ने तमाम तर्कों को सुनने के बाद प्रीति उर्फ आंटी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
नार्को टेस्ट की मांग भी कर चुकी आंटी
विजयनगर टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक, आंटी ने पहले कार्रवाई में शामिल रही महिला एसआइ के नार्को टेस्ट की मांग को लेकर भी जिला कोर्ट में आवेदन दिया था। हालांकि कोर्ट ने उसका आवेदन खारिज कर दिया। पुलिस उसके बेटे की तलाश में लगी है।
विजयनगर टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक, आंटी ने पहले कार्रवाई में शामिल रही महिला एसआइ के नार्को टेस्ट की मांग को लेकर भी जिला कोर्ट में आवेदन दिया था। हालांकि कोर्ट ने उसका आवेदन खारिज कर दिया। पुलिस उसके बेटे की तलाश में लगी है।
विजयनगर पुलिस ने दिसंबर में आंटी को पकड़ा और तलाशी में एमडी ड्रग बरामद की थी। वह तब से जबलपुर जेल में बंद है। पुलिस का आरोप है, आंटी ने अक्टूबर 2020 में दिल्ली में नाइजीनियन युवक से डेढ़ लाख में 50 ग्राम एमडी ड्रग खरीदी थी। बाद में आंटी ने बेटे यश जैन की मदद से जैन खिलजी, निखिल अरोरा, अकरम हैदर, नूर फातिमा को करीब 37 ग्राम एमडी डेढ़ लाख में बेच दी। जमानत आवेदन में आंटी की ओर से तर्क दिया कि वह प्रतिष्ठित बिजनेस वुमन है, बिजनेस चलाने के साथ ही निजी इंश्योरेंस कंपनी की एजेंट है और हर महीने करीब ढ़ाई लाख रुपए की कमाई करती है। पुलिस ने उन्हें झूठे केस में फंसा दिया है। एफएसएल जांच पर भी सवाल उठाए।