इंदौर को मुंबई से सीधे जोडऩे वाली इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन (Indore Manmad Rail Project) का काम शुरू हो गया है। इस दौरान जमीन अधिग्रहण का काम तेजी पकड़ रहा है। इंदौर से मनमाड़ के बीच 568 किलोमीटर लंबी यह लाइन बन रही है। इस बीच 30 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे।
मध्यप्रदेश के तीन जिलों के 77 गांवों की जमीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया गया है। जिन जिलों के गांवों की जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है उनमें धार, बड़वानी और खरगोन जिले शामिल हैं। इससे एक हजार गांवों के 30 लाख से अधिक आबादी को रेल सेवा से जुड़ने का अवसर मिलेगा। इस रूट पर 16 जोड़ी यात्री ट्रेनें चलाए जाने की तैयारी है।
3 जिलों के 77 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहित मिलेगा मुआवजा, बिछ रही नई रेल लाइन
इंदौर-दाहोद के बीच टनल का काम तेज
indore dahod rail line: इंदौर का डेड एंड खत्म करने के लिए रेलवे तेजी से काम कर रहा है। शहर से जुड़े प्रमुख रेल प्रोजेक्ट इंदौर-दाहोद में सबसे महत्वपूर्ण टीही टनल में इन दिनों काम गति पर है। बारिश बंद होते ही तीन किमी टनल की फिनिशिंग यानी ऊपरी हिस्से में सीमेंटीकरण हो रहा है। साथ ही नीचे पटरी बिछाने के लिए सीमेंटीकरण के साथ ही अर्थवर्क किया जा रहा है।इंदौर दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट को मई 2025 तक पूरा किया जाना था, लेकिन इसमें देरी हो रही है। वर्ष 2008 में यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, इस पर काम 2013 में शुरू हो सका। वर्तमान में 205 किलोमीटर लंबी लाइन का काम कई हिस्सों में चल रहा है। इंदौर टिही 29 किमी, टिही गुणावद 28 किमी, गुणावद नौगांव 14 किमी, धार अमझेरा 20 किमी, अमझेरा सरदारपुर 20 किमी, सरदारपुर-झाबुआ 60 किमी अलग-अलग सेक्शन में काम चल रहा है।
इंदौर से टिही और दाहोद से कतवारा सेक्शन का काम पूरा हो गया है। जबकि टिही-गुणावद-नौगांव सेक्शन में काम तेजी से चल रहा है। कुछ क्षेत्रों में 60 फीसदी भाग में रेलवे ट्रैक बिछाया जा चुका है। इस ट्रैक के बन जाने से गुजरात और मध्यप्रदेश के लोगों को और व्यापार को काफी गति मिलेगी। संभवतः परियोजना का काम 2026 तक पूरा हो जाएगा।
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