इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की सब पर नजर थी, क्योंकि चार दिन पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया था। उन्होंने जीतू पटवारी को चूनाव लड़ाने की सलाह दी थी। ये बात दिल्ली तक पहुंची लेकिन शनिवार को कांग्रेस ने जारी की प्रत्याशियों की सूची में अक्षय कांति बम के नाम पर मुहर लगा दी। वैसे तो बम पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खेमे से माने जाते हैं, लेकिन उन्हें टिकट दिलाने में पटवारी ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाया। गौरतलब है कि कांग्रेस पहले चाहती थी कि संजय शुक्ला या विशाल पटेल जैसे खाटी नेता चुनाव लड़े लेकिन दोनों ने भाजपा की सदस्यता ले ली।
मजेदार बात तो ये है कि भाजपा में जाने के एक दिन पहले वे पटवारी के निवास पर भी पहुंचे थे और पटेल ने चुनाव लडऩे की बात की, जिस पर पटवारी ने दिल्ली तक बात की। अगले दिन पटेल का बयान था कि पटवारी को कलेक्टर बना दिया जाए तो जमीन नापेंगे ही। बाद में सत्यनारायण पटेल व विधायक भंवरसिंह शेखावत पर भी पार्टी ने डोरे डाले, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया। आखिर में अरविंद बागड़ी व अक्षय कांति बम का नाम रह गया था। बागड़ी को लेकर पार्टी के बड़े नेता विश्वास नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि उनके संबंध भाजपाइयों से भी अच्छे हैं।
कहीं नहीं गए बम
गौरतलब है कि बम ने साफ कर दिया था कि जब कोई विकल्प नहीं हो तो मैं चुनाव लडऩे के लिए तैयार हुं। मैं टिकट मांगने कहीं नहीं जाउंगा। उसके चलते वे किसी नेता के यहां हाजरी भरने या चक्कर लगाने नहीं पहुंचे, यहां तक कि भोपाल व दिल्ली में भी किसी को नजर नहीं आए। बड़ी बात ये है कि विधानसभा का टिकट लेने के लिए बम ने पूरी ताकत झोकी थी, लेकिन वरिष्ठ नेता सज्जनसिंह वर्मा की अनुशंसा पर कमलनाथ ने राजा मांधवानी को टिकट दिया था। बम इंदौर चार में काफी तैयारी कर चुके थे।
चौथा चरण— 13 मई को
देवास, उज्जैन, इंदौर, मंदसौर, रतलाम, धार, खरगोन, खंडवा में मतदान होगा।