इंदौर. जिला अस्पताल को ३०० बिस्तर का बनाने के प्रोजेक्ट को शुरू करने में जमीन का अब तक हस्तांतरण नहीं हो पाना बड़ी रुकावट बन रही है। स्वास्थ्य विभाग ने कलेक्टर कार्यालय को आवेदन देकर जमीन हस्तांतरण करने की मांग की है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान देने को राजी नहीं है। इस मसले का हल निकालने के लिए शासन और दुग्ध संघ से चर्चा के लिए कोई पहल नहीं की गई है।
३३ साल से जिला अस्पताल दुग्ध संघ के तबेले की इमारत और जमीन पर संचालित किया जा रहा है। कई सालों से अस्पताल की नई इमारत का प्रस्ताव अफरशाही के पेंच में उलझा है। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने अस्पताल को १०० बिस्तर का ही रखने का प्रस्ताव तैयार करवाया था, जिसे ‘पत्रिका’ की मुहिम के बाद बदलना पड़ा। अब ३०० बिस्तर के अस्पताल के प्रोजेक्ट पर दोबारा काम शुरू किया है। निर्माण एजेंसी पीआईयू को काम शुरू करना है, इसके लिए जमीन स्वास्थ्य विभाग के नाम पर होना है। इसके लिए सालों से कलेक्टर कार्यालय में फाइल धूल खा रही है। दुग्ध संघ से जमीन स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरण करने के लिए फिर से कलेक्टर कार्यालय पर आवेदन दिया है। हस्तांतरण होने के बाद ही प्रोजेक्ट शुरू हो पाएगा। पहले ४ जून को मुख्यमंत्री के दौरे में इस प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास करने की योजना थी। नए प्रस्ताव व जमीन हस्तांतरण नहीं हो पाने के कारण दौरे में केवल बाणगंगा अस्पताल का उद्घाटन करेंगे।
दुग्ध संघ को नहीं दी कोई जानकारी दुग्ध संघ के अधिकारियों का कहना है, जमीन पर विभाग के स्टाफ क्वार्टर भी बने हुए हैं, यदि जमीन हस्तांतरित की जाती है तो क्वार्टर के लिए अलग से स्थान देना होगा। एक अन्य विकल्प हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाए जा रहे स्टाफ क्वार्टर में ही जगह दी जाए। हालांकि, अब तक प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है। इस संबंध में निर्णय संघ, पशु पालन विभाग और शासन स्तर पर होगा।
– फिलहाल जमीन दुग्ध संघ के ही नाम पर है। प्रोजेक्ट के लिए प्रशासन को आवेदन दिया है। कलेक्टर कार्यालय से ही इस संबंध में कार्रवाई होगी। डॉ. एचएन नायक, सीएमएचओ इंदौर