ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रहा ही कि साल 2025 में इंदौर की गेर को यूनेस्को द्वारा सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दे दिया जाएगा। यही वजह है कि पिछली साल की तरह इस बार भी पारंपरिक गेर के दौरान जिला प्रशासन द्वारा यूनेस्को को इस आयोजन की दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया के लिए विशेष विडियोग्राफी और फोटोग्राफ्स का एक कलेक्शन तैयार करके भेजा जाएगा।
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गौरतलब है कि पिछले साल जिला प्रशासन ने संस्कृति मंत्रालय के जरिए इंदौर की गेर को यूनेस्को में शामिल करवाने का प्रस्ताव भेजा था। अब जिला प्रशासन द्वारा प्रदेश शासन के जरिए इस संबंध में पत्र संस्कृति मंत्रालय को भेजा जाएगा, ताकि अगले साल इंदौर की गेर को यूनेस्कों की धरोहर लिस्ट में शामिल करवाया जा सके।