must read : बच्चे का मुंह कमोड में डालने वाले मुख्तियार के दो साथी गिरफ्तार इस अस्पताल को सरकार ने साल 1971 में जमीन दी थी। तत्कालीन अधिकारियों ने 7507 वर्गफीट जमीन पर अग्रिम आधिपत्य भी दे दिया, लेकिन लीज डीड यानी एग्रीमेंट नहीं किया। इसके चलते न तो भू भाटक और न ही प्रीमियम तय हो पाई। इन 48 सालों में कितने ही अधिकारी आएं, लेकिन किसी ने दस्तावेज की पड़ताल नहीं की। इस कारण शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान होता रहा। इतना ही नहीं इसके अलावा भी अस्पताल ने पास के हिस्से में अतिक्रमण कर रखा है। उक्त जमीन के दस्तावेज भी देखे जा रहे हैं।
must read : देखिए ये हैं शहर के पुलिस सहायता केंद्र… अंधेरा गहराते ही पुलिस गायब! मांगे दस्तावेज अब अधिकारी अस्पताल प्रबंधन से दस्तावेज मांग रहे हैं और खुद को बचाने के लिए इतने सालों में लीज डीड कराए जाने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी ले रहे हैं।
मामला संज्ञान में आया है। अग्रिम आधिपत्य ही दिया गया था। दस्तावेज देखे जा रहे हैं। जांच के बाद ही स्थिति साफ होगी।– लोकेश जाटव, कलेक्टर
मामला संज्ञान में आया है। अग्रिम आधिपत्य ही दिया गया था। दस्तावेज देखे जा रहे हैं। जांच के बाद ही स्थिति साफ होगी।– लोकेश जाटव, कलेक्टर