इन्हीं के नाम से मिली आप के शहर को पहचान
शहर का सबसे प्राचीन मंदिर
इंद्रेश्वर महादेव है, पंढरीनाथ थाने के पीछे स्थित यह मंदिर चार हजार पांच सौ साल
पुराना बताया जाता है
इंदौर। शहर का सबसे प्राचीन मंदिर इंद्रेश्वर महादेव है। पंढरीनाथ थाने के पीछे स्थित यह मंदिर चार हजार पांच सौ साल पुराना बताया जाता है। इस मंदिर के नाम से ही शहर का नाम इंदूर पड़ा और फिर बदलकर इंदौर हुआ। मंदिर के मुख्य पुजारी महंत महेंद्रपुरी गोस्वामी ने बताया, भगवान इंद्र को जब सफेद दाग की बीमारी हुई तो उन्होंने यहां तपस्या की थी। तपस्या का उन्हें लाभ मिला।
मंदिर की स्थापना करने वाले स्वामी इंद्रपुरी को भगवान ने सपना दिया था, मुझे खान नदी से निकलवाकर प्राण-प्रतिष्ठा की जाए। उन्हें नदी से निकालकर किनारे पर ही स्थापित किया गया। बाद में तुकोजीराव प्रथम ने मंदिर का जीर्णोद्धार किया। राज्य में कोई भी परेशानी आने पर वे भी इंद्रेश्वर महादेव की शरण में ही आते थे। ऎसी मान्यता है, सफेद दाग से पीडित व्यक्ति अगर दर्शन कर मंदिर के अभिषेक का पानी का उपयोग करते हैं तो उन्हें लाभ मिलता है। कई लोग यहां से पानी ले जाते हैं।
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