इंदौर। भोपाल की सेन्ट्रल जेल से 8 सिमी आंतकियों के भागने और फिर उनके एनकाउंटर के बाद जेल अधीक्षक सहित पांच को सस्पेंड कर दिया गया। इंदौर जेल अधीक्षक को वहां भेजने के बाद संवेदनशील सेन्ट्रल जेल में अधीक्षक पद खाली हो गया है। अब इस पद के लिए तीन महिला अधिकारियों के बीच दावेदारी है।
भोपाल की घटना के बाद निलंबित किए गए जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर की जगह इंदौर सेंट्रल जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे का तबादला किया गया है। नरगावे के बाद प्रभार जेलर केके कुलश्रेष्ठ को सौंपा गया है। अब नए अधीक्षक की पदस्थापना के लिए जेल विभाग विकल्प तलाश रहा है। इंदौर के लिए जबलपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक अलका सोनकर, सतना सेंट्रल जेल अधीक्षक शैफाली तिवारी और उज्जैन सेंट्रल जेल अधीक्षक उषा राजे के नामों को लेकर चर्चा चल रही है। तिवारी इंदौर जिला जेल में अधीक्षक रह चुकी हैं। उषाराजे बिना अनुमति सेवा से अनुपस्थित रहने और शासकीय आदेशों की अवहेलना के मामले में निलंबित की गई थी, तब से वह केंद्रीय जेल उज्जैन मुख्यालय में अटैच हैं।
(सतना सेंट्रल जेल अधीक्षक शैफाली तिवारी।)
गौरतलब है, इंदौर सेंट्रल जेल संवेदनशील जेल मानी जाती है। यहां सिमी आतंकियों सहित अन्य खूंखार कैदी बंद हैं। गत दिनों जेल में पिस्टल फेंककर हत्या के मामले के बाद जेल में सुरक्षा को लेकर बेदह सख्ती बरती जाती है। सेंट्रल जेल को सांवेर रोड पर शिफ्ट करने, नए क्वाटर बनाने और नई दीवार सहित कई विभागीय काम भी चल रहे हैं। ऐसे में विभाग अनुभवी अधिकारी को जिम्मेदारी देना चाहता है। हालांकि, जेल विभाग में पहले से पदों को लेकर परेशानी है। जेल ब्रेक से पहले पीडी सोंम कुंवर और उमेश गांधी जेल में हैं। कई अधीक्षक प्रमोशन के बाद भी जेलों में ही पदस्थ हैं।
Hindi News / Indore / सिमी मामले में उलझा इंदौर सेन्ट्रल जेल अधीक्षक पद, तीन महिला अधिकारी दावेदार