इंदौर की द्वारकापुरी पुलिस ने विदुर नगर के गद्दा व्यापारी रूप सिंह की गुरुवार को हुई संदिग्ध मौत में हत्या का खुलासा किया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि पत्नी पूजा और भांजे शुभम ने मिलकर रूप सिंह की हत्या की है। हत्या में चार बाल आरोपी भी शामिल हैं। पुलिस ने शुभम और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है तो पत्नी फरार है।
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बताया जा रहा है कि कारोबारी रूपसिंह शराब के नशे में पत्नी पूजा को मारता था। पति की यह कमी रिश्तों पर भारी साबित हो गई और लंबे अर्से से उसकी यातना सह रही पूजा ने अपने प्रेमी भांजे के साथ रूपसिंह की हत्या करवा दी।
एसीपी नंदिनी ने बताया, पत्नी पूजा ने 28 साल के विदुर नगर निवासी पति रूप सिंह राठौर की हत्या की साजिश दो दिन पहले रच ली थी। हत्या करने के बाद आरोपी शव को देर रात कच्चे रास्ते से होकर पुल के पास फेंक आए। बुधवार सुबह 11:30 बजे कहानी गढ़ दी कि रूप सिंह कचरा फेंकने घर से निकला था, इसके बाद नहीं लौटा।
पूजा ने परिवार को सुबह तक रूप सिंह के घर नहीं पहुंचने की जानकारी दी। इसके बाद परिवार ने तलाशना शुरू किया। ढूंढने पर घर से कुछ दूरी पर ही शव मिला।
पति के आने से पहले शुभम के साथी घर में थे मौजूद
एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया, घटना के संबंध में पूजा से पूछताछ हुई। संदेहास्पाद बयान देने पर परिवार के अन्य सदस्यों से बात की। पता चला कि पूजा अपने भांजे से फोन पर घंटों वीडियो कॉल से बात करती है। मोबाइल की जांच में कॉल हिस्ट्री डिलीट मिली। शुभम और पूजा के बीच दो साल से अवैध संबंध थे।
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यह भी पता चला कि पूजा से पति शराब पीकर मारपीट करता था। पति से परेशान पूजा अपनी पीड़ा शुभम को बता देती थी। वारदात से दो दिन पहले पूजा ने शुभम और उसके किशोर दोस्तों के साथ मिलकर साजिश रची। शुभम ने तीन दोस्तों को घर में छिपा दिया। जब रूप सिंह आया तो पूजा से मारपीट की। तब तीन किशोर ने उसके सिर पर पत्थर से वार कर मौत के घाट उतार दिया।
वीडियो कॉल पर मारने के तरीके बताता रहा
जांच में चौंकाने वाली बात सामने आई है। वारदात के समय शुभम कहीं खुद दूर बैठकर वीडियो कॉल पर हमलावर किशोरों को निर्देश देता रहा। पहले वार में खून का फव्वारा निकलने पर मृतक के सिर पर थैला बांध दिया। इसके बाद कच्चे रास्ते से होकर पुल के पास ठिकाने लगा दिया।
हत्या को हादसे का रूप देने के लिए पूजा ने कचरे का थैला, मोबाइल और गाड़ी वहीं छोड़ दिया था। जांच में सामने आया कि शुभम रूप सिंह के काम पर जाते ही पूजा से मिलने आ जाता था। सगा भांजा होने से रूप सिंह को कभी शंका नहीं हुई।