इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में इंदौर 1 विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार सुदर्शन गुप्ता को कुल 61047 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 52864 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 8183 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.
2013 में हुए विधानसभा चुनाव में इंदौर 1 विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार आर्य सुदर्शन गुप्ता ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 99558 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार कमलेश खंडेलवाल को 45382 वोट मिल पाए थे, और वह 54176 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.
राजनीतिक इतिहास
इंदौर जिले में कुल 9 विधानसभा सीटें है। ये सभी सीटें राष्ट्रीय स्तर की राजनीति के लिए जानी जाती हैं। 9 सीटों में 6 सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं। जबकि 3 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया हुआ है। इन सभी सीटों में से सबसे वीआईपी सीट इंदौर-1 को माना जाता है। यहां की इंदौर-1 विधानसभा सीट भी सुर्खियों में रही है। इस सीट का ताना-बाना कुछ ऐसा है कि यहां मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में ही होता रहा है।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन यहां से 30 साल तक सांसद रही हैं। सफाई में तो शहर का कोई मुकाबला ही नहीं है। मौजूदा समय मे इंदौर विधानसभा एक का चुनावी रण बेहद दिलचस्प होता जा रहा है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को टिकट मिलते ही फिर से सुर्खियों में छा गए हैं। कांग्रेस के नेता संजय शुक्ला पिछली बार चुनाव जीते थे। उन्होंने बीजेपी नेता सुदर्शन गुप्ता को हराया था। इस बार बीजेपी इस सीट को बिल्कुल भी छोड़ने के मूड में नहीं है।