इंदौर

युद्ध के हालात के बीच यूक्रेन में फंसे 20 हजार भारतीय छात्र, लगाई मदद की गुहार

रूस-यूक्रेन में बढ़ रही युद्ध की स्थितियां, विद्यार्थियों ने पत्रिका से मांगी मदद
भारतीय दूतावास से जवाब नहीं मिलने से परिजन तनाव में, अधिकतर फ्लाइट हुईं निरस्त

इंदौरFeb 15, 2022 / 07:16 am

अर्जुन रिछारिया

युद्ध के हालात के बीच यूक्रेन में फंसे 20 हजार भारतीय छात्र, लगाई मदद की गुहार

अर्जुन रिछारिया. इंदौर. रूस और यूक्रेन के बीच बने युद्ध के हालात ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। यूक्रेन में भारत के 20 हजार से अधिक छात्र फंसे हुए हैं। विद्यार्थियों के परिजन दूतावास पर फोन घनघना रहे हैं, लेकिन वहां से संतोषप्रद जवाब नहीं मिल रहा है। पल-पल बढ़ रही चिंता के बीच टर्नोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भारतीय विद्यार्थियों ने पत्रिका से मदद मांगी है। विद्यार्थियों का कहना है, भारतीय दूतावास से लगातार संपर्क कर रहे हैं, कभी फोन नहीं उठाया जाता, कभी काट दिया जाता है। बताया जा रहा है, यूक्रेन से भारत की अधिकतर फ्लाइट्स निरस्त हो गई हंै, जिससे परेशानी और चिंता बढ़ रही है। जो बची हैं, उनका किराया ढाई से तीन गुना हो गया है। विदेश मंत्रालय से आस लगाए बैठे विद्यार्थियों को अब केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
फेसबुक पर मांगी मदद
टर्नोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी ने पत्रिका संवाददाता से फेसबुक पर वहां चल रहे संकट की जानकारी देकर मदद मांगी। उन्होंने पत्रिका पर विश्वास जताते हुए कहा, हमारी बात भारतीय दूतावास तक पहुंचाएं।

दूतावास ने 25 जनवरी को दिया आखिरी मैसेज
भारतीय दूतावास के फेसबुक पेज पर 25 जनवरी को सिर्फ यह मैसेज आया कि हम परिस्थितियों पर ध्यान दे रहे हैं। अपडेट के लिए हमारे फेसबुक, ट्विटर पेज पर नजर रखें। 20 दिन से फेसबुक पेज पर कोई अपडेट नहीं आया। बताते हैं, भारतीय दूतावास के सभी अधिकारी वहां से निकलकर भारत आ गए हैं। इसी वजह से फोन नहीं उठा रहे हैं।
– शिवप्रीत शर्मा, भिवानी (हरियाणा), मेडिकल स्टूडेंट, फिफ्थ ईयर

कई फ्लाइट्स निरस्त, विद्यार्थी परेशान
यूक्रेन से भारत आने वाली कई फ्लाइट्स निरस्त हो चुकी हैं। जो फ्लाइट्स शेष हैं, उनमें ढाई से तीन गुना किराया वसूला जा रहा है। पहले किराया 25 से 30 हजार रुपए था, जो अब 70 हजार से अधिक हो गया है। इससे भारत लौटना मुश्किल होते जा रहा है।
– जयप्रकाश भूरिया, सीकर (राजस्थान), मेडिकल स्टूडेंट, फिफ्थ ईयर

पैरेंट्स हो रहे परेशान
विद्यार्थियों के पैरेंट्स भारतीय दूतावास से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है। दुनियाभर के देश अपने स्टूडेंट्स को यहां से निकाल चुके हैं, ऐसे में हमें डर लग रहा है।
– सिमरन कौर, जमशेदपुर (झारखंड), मेडिकल स्टूडेंट, फिफ्थ ईयर

इसलिए बढ़ रही परेशानी : बिना बताए आए तो 1500 रुपए रोज की पेनल्टी
यूनिवर्सिटीज के प्रोटोकॉल के मुताबिक भारतीय दूतावास की जानकारी के बगैर देश लौट जाएंगे तो एक दिन का 1500 रुपए पेनल्टी लगेगी। जितने दिन भारत में रहेंगे, उसके हजारों रुपए देने होंगे। बिना बताए जाने पर उपस्थिति कम मानी जाएगी और 100 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा। भारतीय दूतावास यदि कह देगा कि बच्चों को भेज दीजिए तो न पेनल्टी देना होगी और न उपस्थिति का मुद्दा आएगा।
– प्रज्जवल तिवारी, रीवा (मध्यप्रदेश), मेडिकल स्टूडेंट, सेकंड ईयर

ट्विटर पर अभियान छेड़े स्टूडेंट्स
अभी यूक्रेन के हालात बहुत नाजुक हैं। दुनिया के सभी प्रमुख देश अपने स्टूडेंट्स को वहां से बाहर निकाल चुके हैं। भारतीय दूतावास को भी इस पर तेजी से एक्शन लेना चाहिए। राजस्थान के लगभग 3 हजार और मप्र के 400 बच्चे वहां पर पढ़ाई कर रहे हैं। देशभर के 20 हजार बच्चे वहां पर हैं। ऐसे में स्थिति बिगड़ी तो भारत को स्टूडेंट्स को वापस लाना मुश्किल हो जाएगा।
– प्रशांत हेमनानी, एब्रोड स्टडी एक्सपर्ट, द ग्लोबलाइजर

Hindi News / Indore / युद्ध के हालात के बीच यूक्रेन में फंसे 20 हजार भारतीय छात्र, लगाई मदद की गुहार

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.