कॉन्क्लेव के पहले पैनल डिस्कशन ‘टेेक व्यवधान के युग में बिजनेस मॉडल पर पुनर्विचार’ में उद्योग जगत के दिग्गजों ने विचार साझा किए। इंडिया ऑपरेशंस एट पैटर्न के एमडी नीलेश बिनीवाले ने नई तकनीक अपनाने वाले व्यवसायों के लिए कहा कि वे परिवर्तन को समझने की क्षमता, सामूहिक ज्ञान का लाभ उठाना और किसी विशेष तकनीक का समर्थन करने के लिए अवधि को समझना जैसी बातों पर ध्यान दें। सीएनएच के कार्यकारी निदेशक सतेंद्र तिवारी ने टेक्नोलॉजी के रणनीतिक लाभ और व्यवसायों में चक्रीयता का अनुमान लगाने पर चर्चा की।
एमएसएमई को मार्गदर्शन देना होगा दूसरे पैनल डिस्कशन में ‘चीन 1: भारत का आउटलुक’ विषय पर इंफोबीन्स के सह-संस्थापक और सीईओ सिद्धार्थ सेठी और वोल्वो के एमडी दिमित्रोव कृष्णन ने चीन 1 की स्थाई अवधारणा पर जोर देते हुए कहा कि यह कोई नई घटना नहीं है। सेठी ने भारत को अन्य देशों के मुकाबले अपनी ताकत का फायदा उठाने के महत्व को बताया। अंग्रेजी भाषा बोलने वाली आबादी को लेकर कहा कि यह देश को विश्व स्तर पर अलग करता है। उन्होंने एमएसएमई को आगे बढ़ाने में बड़ी कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका बताई और कहा कि चुनौतियों से निपटने के लिए इन कंपनियों को एमएसएमई का समर्थन कर उन्हें मार्गदर्शन देना होगा। इस दौरान प्रश्नोत्तर सेशन भी हुआ।