जानकारों की मानें तो यह केंद्र महज 15 दिनों में तात्कालिक अधिकारियों ने तैयार कराया था। यहां पर जीवाश्म को रखने और उनके डिस्प्ले बॉक्स के पास जानकारी तैयार की थी। पर्यटकों के लिए केंद्र अक्टूबर 2011 में शुरू कर दिया था, लेकिन अभी सुधार के नाम पर बंद है।
2011 में धार और आसपास इलाकों में काफी संख्या में जीवाश्म मिल रहे थे। धार सहित आसपास से डायनासोर के अंडे, हजारों वर्ष पुराने हथियार आदि एकत्रित कर एक दानदाता ने जीवाश्म विभाग को दान में दिए थे। विभाग ने चंद दिनों में केंद्र तैयार कर दिया था। विभाग ने शुरुआत में कुछ स्कूलों के छात्रों का भ्रमण भी कराया था। इस केंद्र को खोलने के पीछे वन अफसरों की मंशा पर्यटकों को जीवाश्म, डायनासोर व करोड़ों वर्ष पुराने इतिहास के बारे में बताना और उन्हें शिक्षित किए जाने की थी।
दो महीने में होगा शुरू
जीवाश्म केंद्र सुधार कार्य के चलते बंद है। अगले डेढ़ से दो माह में फिर शुरू कर दिया जाएगा।
– नरेंद्र पांडवा, डीएफओ