अचंता शरत कमल: तमिलनाडु के अचंता प्रोफेशनल टेबल टेनिस प्लेयर हैं। वल्र्ड रैंक 31 है और आठ बार नेशनल चैंपियन रह चुके हैं।
दिव्यांशु दमानी: 22 वर्षीय दिव्यांशु सोशल मीडिया इफ्लूएंजर, एंटरप्रेन्योर और पब्लिक फिगर हैं। ब्लॉगर और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं।
आशीष जायसवाल: इंटरनेशनल बेस्टसेलर फ्लूइड, ट्रू डमी और हाव टू रिफॉर्म ए बिजनेस स्कूल के ऑनर हैं। ऑक्सफोर्ड विवि से डॉक्टरेट कर चुके हैं।
डॉ. प्रसून चटर्जी: एम्स दिल्ली के सुप्रसिद्ध जेरियाट्रिशियन (बुजुर्गों को होने वाली बीमारियों के विशेषज्ञ) डॉ. प्रसून मनोचिकित्सक और मोटिवेशनल स्पीकर हैं।
अनिका पांडे: अपने कॅरियर की चोटी पर आकर्षक नौकरी छोड़ किसानों को समृद्ध बनाने के क्षेत्र में काम शुरू किया, खुद का एनजीओ चलाती हैं।
नीती लीखा छाबड़ा: ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस का काम करने वाले एनजीओ यस टू लाइफ की फाउंडर और प्रेसीडेंट सहित कॉरपोरेट ट्रेनर व मोटिवेशनल स्पीकर हैं।
रिंकू सावनी: सोशल एंटरप्रेन्योर, पर्सनल ट्रांसफॉर्मेशन कोच रिंकू एलेवेटेज माइंड की फाउंडर हैं। मोटिवेशन और लीडरशिप पर अपने विचार रखती हैं।
स्वामी प्रेम परिवर्तन: गिव मी ट्रीज एनजीओ के फाउंडर हैं। 1 करोड़ से ज्यादा पीपल के पेड़ लगा चुके हैं, लोग उन्हें पीपल बाबा भी कहते हैं।
दिव्यांशु दमानी: 22 वर्षीय दिव्यांशु सोशल मीडिया इफ्लूएंजर, एंटरप्रेन्योर और पब्लिक फिगर हैं। ब्लॉगर और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं।
आशीष जायसवाल: इंटरनेशनल बेस्टसेलर फ्लूइड, ट्रू डमी और हाव टू रिफॉर्म ए बिजनेस स्कूल के ऑनर हैं। ऑक्सफोर्ड विवि से डॉक्टरेट कर चुके हैं।
डॉ. प्रसून चटर्जी: एम्स दिल्ली के सुप्रसिद्ध जेरियाट्रिशियन (बुजुर्गों को होने वाली बीमारियों के विशेषज्ञ) डॉ. प्रसून मनोचिकित्सक और मोटिवेशनल स्पीकर हैं।
अनिका पांडे: अपने कॅरियर की चोटी पर आकर्षक नौकरी छोड़ किसानों को समृद्ध बनाने के क्षेत्र में काम शुरू किया, खुद का एनजीओ चलाती हैं।
नीती लीखा छाबड़ा: ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस का काम करने वाले एनजीओ यस टू लाइफ की फाउंडर और प्रेसीडेंट सहित कॉरपोरेट ट्रेनर व मोटिवेशनल स्पीकर हैं।
रिंकू सावनी: सोशल एंटरप्रेन्योर, पर्सनल ट्रांसफॉर्मेशन कोच रिंकू एलेवेटेज माइंड की फाउंडर हैं। मोटिवेशन और लीडरशिप पर अपने विचार रखती हैं।
स्वामी प्रेम परिवर्तन: गिव मी ट्रीज एनजीओ के फाउंडर हैं। 1 करोड़ से ज्यादा पीपल के पेड़ लगा चुके हैं, लोग उन्हें पीपल बाबा भी कहते हैं।