इंदौर

आईआईएम इंदौर ने सालभर में कंसल्टेंसी से कमाए 16.5 करोड़

दो साल में कमाई में ढाई गुना तक इजाफा, स्टाफ के वेतन पर सालाना ३४ करोड़ रुपए खर्च

इंदौरDec 27, 2017 / 09:49 am

अर्जुन रिछारिया

iim indore

अभिषेक वर्मा@ इंदौर. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम), इंदौर देश-दुनिया की नामी कंपनियों व संस्थाओं की बेहतरी के लिए कंसल्टेंसी दे रहा है। मुनाफे और साख बढ़ोतरी को देखते हुए हर साल नई कंपनियां इससे जुड़ रही हैं। पिछले सत्र में आईआईएम ने सिर्फ कंसल्टेंसी से ही १६.५ करोड़ रुपए हासिल किए, जो दो साल की तुलना में ढाई गुना ज्यादा हैं।
आईआईएम ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रेगुलेटरी फे्रमवर्क (एनआईआरएफ) के सर्वे में उपलब्धियों के रिकॉर्ड के साथ कई महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई हैं। आईआईएम ने बताया कि फीस और सरकार से मिलने वाली ग्रांट के अलावा कंसल्टेंसी भी आय का प्रमुख स्रोत है।
तीन गुना हुआ मेंटेनेंस खर्च
आईआईएम इंदौर खर्च में भी पीछे नहीं है। आईआईएम ने १६ करोड़ ८० लाख रुपए सिर्फ मेंटेनेंस में खर्च किए। ये खर्च दो सत्र में पांच करोड़ ४० लाख और ४ करोड़ रुपए था। पिछले सत्र में ३४ करोड़ रुपए वेतन ही फैकल्टी व स्टाफ को जारी किया गया। आईआईएम इंदौर पहला आईआईएम है, जहां रेगुलर फैकल्टी की संख्या १०० को छूने में कामयाब रही। इसके अलावा बड़ी संख्या में पार्टटाइम फैकल्टी और एक्सपट्र्स पढ़ाने आते रहे हैं। २०१६-१७ में ही एकेडमिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर १६ करोड़ ८० लाख, लाइब्रेरी पर ४ करोड़ ५० लाख, लैब के नए उपकरण पर ६८ लाख रुपए खर्च किए हैं।
सलाह लेने वालों में रेलवे, वित्त संचालनालय समेत कई सरकारी विभाग
2016-17 सत्र के लिए ५२ प्रोजेक्ट की कंसल्टेंसी के लिए १६ करोड़ ५४ लाख, जबकि २०१५-१६ सत्र में ४४ प्रोजेक्ट के लिए ९ करोड़ और २०१४-१५ में ३५ प्रोजेक्ट के लिए ६ करोड़ १३ लाख रुपए मिले। बीते सत्र में आईआईएम से कंसल्टेंसी लेने वालों में मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ बीएसएफ, उच्च शिक्षा विभाग, वित्त संचालनालय, इंडियन रेलवे, केंद्रीय विद्यालय संगठन, पुलिस हैड क्वार्टर भी शामिल हैं। बीते सत्र में आईआईएम ने चार एक्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम कराए। इनसे १८ करोड़ १६ लाख रुपए की कमाई हुई है।

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