इंदौर

एमपी के इस जिले में 1293 प्लॉट की ‘कॉलोनी’ तैयार करेगा आइडीए, जारी होगा टेंडर

Mp news: सुप्रीम कोर्ट से योजना 97 के पार्ट 2 व 4 की 210 एकड़ जमीन का केस जीतने के बाद प्लान तैयार हो गया है, जिसे आइडीए की बोर्ड बैठक में मंजूरी दी जाएगी।

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Mar 17, 2025
IDA

Mp news: एमपी के इंदौर शहर की प्राइम लोकेशन पर इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) 1293 प्लॉटों की कॉलोनी काटने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट से योजना 97 के पार्ट 2 व 4 की 210 एकड़ जमीन का केस जीतने के बाद प्लान तैयार हो गया है, जिसे आइडीए की बोर्ड बैठक में मंजूरी दी जाएगी। योजना के मुख्य मार्ग पर बड़े कमर्शियल प्लॉट तो अंदर 800 से 2400 वर्ग फीट के आवासीय प्लॉट होंगे।

कार्रवाई को सही माना

1984 में आइडीए ने बिजलपुर, तेजपुर गड़बड़ी गांव में योजना 97 पार्ट 2 व 4 घोषित की थी। इसमें से 89 हेक्टेयर (210 एकड़) जमीन को लेकर किसान कोर्ट गए। दो फैसले आइडीए के खिलाफ आए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आइडीए के अधिग्रहण की कार्रवाई को सही माना। यह जमीन राजेंद्र नगर रेती मंडी से एबी रोड और रीजनल पार्क के सामने है।

आइडीए सीईओ आरपी अहिरवार ने बताया कि योजना में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। मुख्य मार्ग पर बड़े और व्यावसायिक प्लॉट तो पीछे आवासीय प्लॉट रहेंगे। योजना में सभी सुविधाओं का ध्यान रखेंगे। बोर्ड बैठक में स्वीकृति के बाद निर्माण को लेकर टेंडर जारी होगा।

सवा तीन सौ करोड़ होंगे खर्च

आइडीए ने योजना 97 में काफी काम किया था, जिसे आगे बढ़ाया जा रहा है। पुरानी सड़कों को आकार दे रहे हैं तो नई सड़कों का भी निर्माण हो रहा है। मास्टर प्लान की सड़कों के टेंडर जारी कर दिए हैं। आइडीए ने पिछली बोर्ड बैठक में योजना के विकास को लेकर प्रशासकीय स्वीकृति दी थी। योजना 97/2 में 118.35 करोड़ तो 97/4 में 207 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

जमीन पर हैं कब्जे

सुप्रीम कोर्ट से केस जीतने के बाद भी आइडीए ने अब तक जमीन का कब्जा नहीं लिया है। इसका फायदा जमीन के कुछ जालसाज उठा रहे हैं। रीजनल पार्क के सामने तेजी से अवैध निर्माण हो रहे हैं। अलग-अलग हिस्से बनाकर लोगों को किराए पर जगह दे दी है, जिनसे किराए के रूप में बड़ी राशि ली जा रही है। दीपावली के समय थोक पटाखा बाजार से दस लाख रुपए लिए गए थे। इस गड़बड़ी में आइडीए के कुछ अफसरों की मिलीभगत का भी आरोप है।

यह भी हो चुकी है गड़बड़ी

योजना 97 लाने पर जमीन मालिकों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी और हाईकोर्ट ने दो फैसले उनके पक्ष में दिए थे। इसके आधार पर तत्कालीन अफसरों ने जमकर चांदी काटी। जमीन मालिकों को एनओसी जारी कर दी गई, जिसके आधार पर टीएंडसीपी से नक्शे पास हो गए। बवाल होने पर एनओसी निरस्त की गई। फिर वस्तुस्थिति देने में गड़बड़ी हुई। इसे आधार बनाकर कुछ जमीनों के नक्शे पास हो गए, जिन पर बिल्डिंग बन गई है।

Updated on:
17 Mar 2025 12:44 pm
Published on:
17 Mar 2025 12:28 pm
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