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उपसचिव शुभाशीष बैनर्जी ने आइडीए को पत्र भेजकर लीज निर्धारण की प्रक्रिया बताई हैं। प्रीमियम गणना 1 अप्रेल 2007 की गाइड लाइन से की जाएगी। इस पर 3 प्रतिशत दर से ब्याज लिया जाएगा। जबकि लीज की नवीनीकरण 2020-21 में होगा। आइडीए अब यह मामला कोर्ट के समक्ष रखेगा।
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आइडीए के प्रस्ताव पर निर्णय
हाई कोर्ट ने पिछले दिनों सख्ती बरतते हुए सरकार को लीज नवीनीकरण पर अंतिम निर्णय लेने के निर्देश दिए थे। इसके आधार पर आइडीए बोर्ड ने प्रस्ताव भेजा, जिसमें 12 प्लॉट नवीनीकरण योग्य पाए थे। शेष के मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं या आइडीए के पास कब्जा है। बोर्ड के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने लीज नवीनीकरण का फैसला लिया है।
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ऐसे होगा प्रीमियम राशि में नुकसानप्रेस | प्लॉट साइज(वर्ग मीटर) | 2007-08गाइडलाइन | 2020-21 गाइडलाइन |
दोबारा टेंडर पर मिलते 325 करोड़ रुपए
सरकार के इस फैसले से आइडीए को लीज प्रीमियम में 196 करोड़ की हानि होगी। आइडीए को 12 प्रेस मालिकों से 37 करोड़ प्रीमियम व 15 करोड़ रुपए ब्याज मिलेगा। वर्तमान दर से गणना से 248 करोड़ रुपए प्रीमियम मिलती। पेनल्टी व ब्याज की राशि अलग होती। यदि आइडीए इन प्लॉट्स की लीज निरस्त कर दोबारा टेंडर कर बेचता तो 248 करोड़ का प्रीमियम राशि पर बाजार भाव अनुसार 25-30 प्रतिशत का इजाफा होता यानी करीब 325 करोड़ की राशि मिलती।
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ब्याज और उपयोग में भी दिया फायदा
सरकार के ब्याज की गणना सालाना साधारण ब्याज दर पर की है। इससे प्रेस मालिकों को फायदा होगा। मास्टर प्लान के अनुसार जमीन का उपयोग कर सकेंगे यानी मालिकों को मास्टर प्लान अनुसार वाणिज्यिक उपयोग का लाभ मिलेगा। शेष 12 प्लॉट अब कानूनी प्रक्रियाओं में उलझे रहेंगे, क्योंकि अन्य प्रेस मालिक कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।