ये है पूरा मामला…
इंदौर की रहने वाली पीड़ित महिला रजनी (बदला हुआ नाम) की शादी 11 मार्च 2019 को गोवा के रहने वाले राजेश (बदला हुआ नाम) से हुई थी। जो कि पोस्टल असिस्टेंट के पद पर पदस्थ है। रजनी का आरोप है कि शादी के 12 दिन बाद ही ससुरालवालों ने उसे दहेज के लिए परेशान करना शुरु कर दिया था। उससे 10 लाख रुपए की डिमांड की गई और जब वो डिमांड पूरी नहीं कर पाई तो उसे परेशान किया जाने लगा। वहीं दूसरी तरफ पति राजेश भी अननेचुरल तरीके से संबंध बनाने लगा।
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रजनी ने बताया कि जब वो गर्भवती हुई तो शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण डॉक्टर ने उसे बेड रेस्ट की सलाह दी लेकिन इस दौरान भी पति ने विदेशी स्टाइल में अननेचुरल संबंध बनाने बंद नहीं किए। तबीयत बिगड़ने पर उसने कुछ दिन बाद जब डॉक्टर को दिखाया तो तीन महीने तक मिसगैरेज से बचने के लिए इंजेक्शन लगाने की सलाह दी। जिसके बाद पति ने ये कहते हुए इंदौर भेज दिया कि अब तुम मेरे किसी काम की नहीं हो । बाद में ससुर के देहांत पर जब वो ससुराल गई तो वहां भी गर्भवती होने के बावजूद पति ने कई बार अननेचुरल तरीके से उसके साथ संबंध बनाए जिसके कारण उसने 5 महीने में ही अपरिपक्व बच्चे को जन्म दे दिया जिसकी दूसरे ही दिन मौत हो गई।
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कोर्ट ने लगाया पति पर जुर्माना
पति की ज्यादती और ससुरालवालों के दहेज के लिए मिलने वाले तानों से परेशान रजनी (बदला हुआ नाम) ने साल 2019 में ही इंदौर में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद जिला कोर्ट में मामला पहुंचा और दो साल से अधिक चले मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी स्वाति कौशल ने एक लाख रुपए पति से पीड़िता को दिलवाने के आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं केस पेश करने की तारीख से पीड़िता को भरण पोषण के लिए हर महीने 5 हजार रुपए के हिसाब से एक लाख तीस हजार रुपए भी पति से दिलवाने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं।
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