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एमवीय प्रबंधन ने शुरु की जांच
मानवाधिकार आयोग के मुताबिक, मामले में प्रबंधन का अमानवीय चेहरा सामने आया है। अस्पताल के मर्चूरी में एक अज्ञात शव कई दिनों तक स्ट्रेचर पर पड़े पड़े ही कंकाल बन गया, लेकिन किसी भी जिम्मेदार को उसके संबंध में कोई उचित फैसला लेने की फिक्र नहीं रही। बताया जा रहा है कि, शव पहले से ही खराब स्थिति में था, जिसे अज्ञात मानते हुए एक तरफ ढंककर रख दिया गया। हालांकि, अब तक शव के संबंध में कोई शिनाख्त नहीं हो सकी है। उधर, मामले की जांच के लिए एमवाय प्रबंधन ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच शुरु कर दी है।
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[typography_font:14pt;” >क्या है मामला?
प्रदेश के सबसे बड़े महाराजा यशवंत राव होल्कर अस्पताल (एमवायएच) में मंगलवार को मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया। अस्पताल की मर्चुरी में पिछले कई दिनों से एक अज्ञात शव पड़ा था। प्रबंधन की लापरवाही की इंतेहा ये रही कि, स्ट्रेचर पर पड़े पड़े शव में कीड़े लग गए, हालत ये हो गई कि, मौजूदा समय में शव कंकाल में तब्दील हो गया। शव से बदबू इस कदर उड़ रही थी कि, आसपास के इलाके में खड़े रहना संभव नहीं था, बावजूद इसके वहां से गुजरने वाले जिम्मेदार नाक पकड़ कर तो निकल रहे थे, लेकिन किसी को उस शव के लिए कोई सही सुझाव नहीं था। मीडिया द्वारा मामले को उठाए जाने के बाद एमवायएच प्रबंधन दिखावे की हरकत दिखाते हुए सड़े गले शव के संबंध में मर्चूरी इंचार्ज को सिर्फ नोटिस थमा दिया।
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प्रबंधन को नहीं पता कहां से आया शव
अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस बात की पुष्टि तो हो चुकी है कि, मर्चुरी में कंकाल बना शव लावारिस है, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स में तो यहां तक कहा जा रहा है कि, उक्त शव कहां से अस्पताल की मर्चुरी में आया है, इस बात की जानकारी भी प्रबंधन को नहीं है। शव लावारिस होने के कारण बिना पर्ची के ही मर्चूरी में रखवा दिया गया था। सवाल ये है कि, इतने समय में प्रबंधन के किसी भी जिम्मेदार ने शव की शिनाख्त या उसके क्रियाक्रम के संबंध में भी सुध नहीं ली। मर्चुरी में बॉडी कूलर की व्यवस्था नहीं थी, जिसके चलते इतने दिनों तक शव को मर्चूरी हाल में ही पन्नी लपेटकर स्ट्रेचर पर पटक दिया। मर्चुरी कर्मचारियों के मुताबिक, शव के डिकंपोज होने पर पोस्टमार्टम रूम के डाक्टरों को अवगत भी किया गया, लेकिन किसी ने भी इसपर ध्यान नहीं दिया।